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सीतारमण ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय के नोटबंदी पर आए फैसले का स्वागत है. उन्‍होंने कहा संविधान पीठ ने मामले पर सावधानीपूर्वक गौर करने के बाद 4:1 के बहुमत से दिए अपने फैसले में नोटबंदी को सही ठहराया है.

फाइनेंस म‍िनिस्‍टर न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने नवंबर 2016 में क‍िये गए नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को क्‍लीन च‍िट म‍िलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्‍वागत क‍िया है. सीतारमण ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय के नोटबंदी पर आए फैसले का स्वागत है. उन्‍होंने कहा संविधान पीठ ने मामले पर सावधानीपूर्वक गौर करने के बाद 4:1 के बहुमत से दिए अपने फैसले में नोटबंदी को सही ठहराया है. अदालत ने इससे जुड़ी कई याचिकाओं को निरस्त कर दिया है.’

आरबीआई से छह महीने तक परामर्श चला
पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की अचानक घोषणा कर दी थी. सरकार ने काले धन पर लगाम लगाने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को इस चौंकाने वाले फैसले का उद्देश्य बताया था. वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में न्यायालय के फैसले का ज‍िक्र करते हुए कहा, ‘इस बारे में सरकार और रिजर्व बैंक के बीच छह महीने तक परामर्श चला था. इस तरह का कदम उठाने का वाजिब कारण है और यह आनुपातिक परीक्षण पर खरा उतरता है. केंद्र का प्रस्ताव होने भर से निर्णय-निर्माण प्रक्रिया दोषपूर्ण नहीं हो सकती है.’

नोटबंदी अच्छी नीयत से उठाया गया कदम
व‍ित्‍त मंत्री ने कहा क‍ि बहुमत के फैसले से असहमति जताने वाले न्यायाधीश ने भी नोटबंदी के कदम को एक अच्छी नीयत से उठाया गया कदम माना है. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोटबंदी के फैसले को क्लीन चिट दी गई है. पांच जजों की पीठ की तरफ से सुनाए फैसले में न्यायमूर्ति बी वी नागरथना ने इसे गैरकानूनी बताया. उनका कहना था क‍ि 500 और 1000 रुपये के नोटों की पूरी सीरीज को एक कानून के जरिए खत्म किया जाना चाहिए था न कि एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से.