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कंझावला कांड में दिल्ली पुलिस आईपीसी की धारा 302 लगाने को लेकर विशेषज्ञों से कानूनी सलाह ले रही है. अगर यह मामला कत्ल के केस में तब्दील हो गया तो इसकी जांच की दिशा भी बदल जाएगी. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में कुछ दुश्वारियां भी हो सकती हैं.

देश के दिल दिल्ली को दहला देने वाले कंझावला कांड में बड़ा एक्शन नजर आ रहा है. एक तरफ तो इस मामले में पुलिस पर गाज गिरी है, दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने पुलिस को इस मामले में धारा 302 के तहत तफ्तीश करने का फरमान सुनाया है. यही वजह है कि अब दिल्ली पुलिस इस केस में आईपीसी की धारा 302 लगाने को लेकर विशेषज्ञों से कानूनी सलाह ले रही है. अगर यह मामला कत्ल के मामले में तब्दील हो गया तो इस केस की जांच की दिशा भी बदल जाएगी. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में कुछ दुश्वारियां भी हो सकती हैं.

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गृह मंत्री के आदेश पर कार्रवाई
अंजलि की मौत पर जब बवाल बढ़ा तो कंझावला केस में गृह मंत्रालय कड़ा कदम उठाने पर मजबूर हो गया. मंत्रालय की और से दिल्ली पुलिस को तीन खास निर्देश जारी किए गए. जिनमें कहा गया है कि वारदात के वक्त जो तीन पीसीआर वैन उस इलाके में तैनात थीं, उनमें मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. साथ ही इलाके के डीसीपी से भी जवाब तलब किया जाए.

पुलिस से मांगी थी रिपोर्ट
ये सारी कार्रवाई तब अंजाम दी गई, जब कंझावला मामले पर संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह को इस बाबत रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. इस रिपोर्ट के मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है.

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डीसीपी से जवाब तलब
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिस वक्त वारदात हुई, इलाके के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम थे? अगर कुछ उचित जवाब नहीं है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. एक अन्य निर्देश में कहा गया है कि वारदात की जगह के आस-पास इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए. गृह मंत्रालय ने संबंधित विभाग से यह भी कहा है कि दिल्ली के सुनसान इलाकों में और बाहरी दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जाएं.

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11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
गृह मंत्रालय का फरमान मिलते ही दिल्ली पुलिस ने कंझावला कांड के वक्त वहां तैनात तीनों पीसीआर वैन के पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. साथ DCP से भी जवाब तलब किया गया है. अभी तक इस मामले में आरोपियों की पकड़ के बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. कुल मिलाकर रोहिणी पुलिस जिले में तैनात 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं.