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चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और सपा (SP) चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) दोबारा एक हो चुके हैं, लेकिन सपा में अभी तक शिवपाल को नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. इसको लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. सैफई में जब अखिलेश यादव से उनके चाचा शिवपाल यादव की पार्टी में नई जिम्मेदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. शिवपाल यादव के सवाल पर उन्होंने बस इतना कहा कि अब तो चाचा साथ में आ गए हैं. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के पहले चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां तो मिट गई हैं, लेकिन कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है.

नगर निकाय चुनाव के लिए सपा तैयार

हालांकि, उत्तर प्रदेश के बाकी मुद्दों पर अखिलेश यादव ने खुलकर बात की. नगर निकाय चुनाव पर अखिलेश यादव ने कहा कि सपा पूरी तरह से तैयार है. जनता के बीच जाएगी. वहीं, जीएसटी छापेमारी पर अखिलेश यादव ने कहा कि जीएसटी से लोग परेशान हैं और इन्होंने चुनाव के चलते ही छापमारी रोकी है. चुनाव के बाद सबसे ज्यादा छापे व्यापारियों पर पड़ने जा रहे हैं.

बीजेपी पर अखिलेश का निशाना

अखिलेश यादव ने कहा कि रंग पर बहुत बहस हो रही है. बीजेपी ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रही है. जब नाकाम हो जाती है तब इस तरह की बहस करती है. बीजेपी कभी संविधान के पक्ष में नहीं है. लोगों को भी अभी न्याय नहीं मिल रहा है. जितने भी मंत्री निवेश लाने के लिए विदेश गए हैं वह सभी लोग वहां के लोगों को न्योता देने गए.

रोजगार पर क्या बोले अखिलेश?

नौजवानों को जानबूझकर सरकार नौकरी नहीं देना चाहती है. रोजगार की क्रांति आने वाली है, इससे बड़ा झूठ बीजेपी वालों का और क्या हो सकता है. मुझे याद है फर्रुखाबाद में अभी अग्निवीर की भर्ती हुई थी, 1 लाख 26 हजार लोगों ने फॉर्म भरा, मुझे लगता है मात्र 200 नौजवानों को भी नौकरी नहीं मिली. इस देश को सबसे ज्यादा रोजगार की जरूरत है. इस देश को सबसे ज्यादा नौकरी की जरूरत है. इस देश को इतना इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए जिससे लोग अपने आप कुछ काम कर सकें.

बिलावल भुट्टो पर अखिलेश का बयान

वहीं, बिलावल भुट्टो के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम इतनी दूर नहीं जाते. भारतीय जनता पार्टी अपनी नाकामी छिपाने के लिए पाकिस्तान जैसे मुद्दे समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी लाती है.

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