खबर शेयर करें -

चीन में कोरोना की बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर महामारी का डर पैदा कर दिया है. तेजी से फैलते वायरस ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है.

चीन में कोरोना की बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर महामारी का डर पैदा कर दिया है. तेजी से फैलते वायरस ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. चीन, जापान, साउथ कोरिया और अमेरिका में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अमेरिका के महामारी वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी और भी डराने वाली है. वैज्ञानिकों की मानें तो चीन और दुनिया के अन्य देशों में फिर कोरोना की नई लहर कोहराम मचाएगी. इतना ही नहीं अगले तीन महीनों में कोरोना की चपेट में लाखों जिदंगियां तबाह भी होंगी. भारत में भी कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट मोड में है. हर जगह मास्क को लेकर लोगों को फिर से जागरुक किया जाने लगा है. विदेश आने वाले लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है.

अमेरिकी वैज्ञानिक का डराने वाला दावा

कोरोना से फिर तबाही की बात अमेरिका के पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट डॉक्टर एरिक फीगल डिंग ने किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि पाबंदियां हटते ही चीन के अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. अगले तीन महीनों में कोरोना दुनिया की 10 फीसदी आबादी और चीन की 60 फीसदी से अधिक आबादी को संक्रमित करेगी. इतना ही नहीं उन्होंने अपने दावे में कहा कि कोरोना इस बार भी लाखों लोगों की जान ले सकता है. दुनिया अभी महामारी की शुरुआत देख रही है.

अमेरिका में बुखार-दर्द की दवाएं गायब

अपने दावे में फीगल-डिंग ने आगे कहा कि भारी डिमांड के चलते सीवीएस और वालग्रीन्स जैसी कंपनियों ने दर्द और बुखार की दवाओं की बिक्री रोक दी है. वालग्रीन्स कंपनी ने कहा कि डिमांड में तेजी की वजह से और जमाखोरी रोकने के लिए दवाओं की ब्रिकी के लिए गाइडलाइंस जारी की है. एक व्यक्ति एक बार में सिर्फ छह खुराक ही खरीद सकेगा.

चीन में दवा कंपनियों के कारखानों पर लोगों की भीड़ 

बुखार और सर्दी की दवा चीन में लगभग गायब हो चुकी है. आलम यह है कि मामूली इबुप्रोफेन दवा भी मेडिकल स्टोर से नदारद है. दवा न मिलने पर लोग इबुप्रोफेन कंपनियों के कारखाने तक पहुंच जा रहे हैं. दुकानों पर दवा पहुंचने से पहले ही खत्म हो जा रही है.