पूरी दुनिया में इस वक्त 5 कोरोना वेरिएंट चिंता का कारण बने हुए हैं. इनमें शामिल हैं -अल्फा, बीटा,डेल्टा, गामा और ओमीक्रोन. इसके अलावा 2 वेरिएंट ऑफ इंटरस्ट पाए गए हैं – लाम्बडा (lambda) और MU भी खतरनाक हो सकते हैं.
इन 7 वेरिएंट्स के हज़ारों जीनोम तकरीबन 91 हज़ार 315 और उनके 409 लीनिएज भारत में पाए गए हैं. फिलहाल जिस BF 7 वेरिएंट को लेकर खतरा जताया जा रहा है और जो चीन में तबाही का कारण बन रहा है वो भी ओमिक्रोन का ही वेरिएंट हैं. यह वेरिएंट अक्टूबर 2022 से भारत में मौजूद हैं. भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा कोविड केस ओमिक्रोन वेरिएंट के हैं.
‘अब खतरा उतना बड़ा नहीं है’
भारत में कोरोना वेरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाली टीम सीएसआईआर के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ राजेश पांडे के मुताबिक अगर भारत की बड़ी आबादी वैक्सीनेटेड ना होती तो ओमिक्रोन का ये वेरिएंट BF 7 खतरनाक साबित होता – लेकिन अब खतरा उतना बड़ा नहीं हैं.
‘भारतीय वैक्सीन काफी असरदार’
डॉ पांडे का कहना है कि चीन में वैक्सीनेशन का स्टैंडर्ड भारत के मुकाबले काफी कम है. भारतीय वैक्सीन काफी असरदार हैं और वो BF 7 के खिलाफ कारगर साबित हो रही हैं.
बताया जा रहा है कि गुजरात के वडोदरा में कोरोना के BF.7 वेरिएंट का मामला सामने आया है. 61 वर्षीय महिला में BF.7 वेरिएंट पाया गया. कोरोना का वेरिएंट मिलने के बाद महिला घर में ही आइसोलेट थी. फाइजर का टीका लगवाने के बावजूद महिला बीएफ.7 वेरिएंट से संक्रमित हुई. यह महिला 11 नवंबर को अमेरिका से वडोदरा आई थी. महिला के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए गांधीनगर भेजे गए थे.