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क्या पिछले 10 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को खत्म करवाने में भारत की कोई बड़ी भूमिका होने जा रही है. पुतिन के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भी सोमवार को पीएम मोदी को फोन करके इस संबंध में मदद मांगी है.

पश्चिमी देशों से मिले हथियारों के बल पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) करीब 10 महीने से रूस से लोहा ले रहे हैं. लेकिन अब लगता है कि वे इस जंग से थकने लगे हैं. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोस्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युद्ध खत्म करवाने में मदद मांगी है. जेलेंस्की ने सोमवार को खुद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को फोन करके G20 की अध्यक्षता भारत को मिलने पर उन्हें बधाई दी. इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से रूस के साथ चल रही जंग को खत्म करवाने में मदद मांगी, जिसका पीएम मोदी ने सकारात्मक जवाब दिया.

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को किया कॉल

यूक्रेनी राष्ट्रपति (Volodymyr Zelensky) ने यूक्रेनी और अंग्रेजी भाषा में ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी. जेलेंस्की ने कहा, ‘मैंने @PMOIndia नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से फोन पर बात की और G20 की अध्यक्षता मिलने पर बधाई दी. इसी संगठन के मंच से मैंने युद्ध खत्म करने का पीस फॉर्मूला दिया था, जिस पर अमल करवाने के लिए संगठन के अध्यक्ष भारत को आगे आना चाहिए. मैंने संयुक्त राष्ट्र में मानवीय सहायता और समर्थन के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया.’

G20 की अध्यक्षता मिलने पर दी बधाई

अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने कहा कि पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने G20 की सफल प्रेसीडेंसी की कामना की. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि जी20 मंच पर उन्होंने संघर्ष खत्म करने के लिए एक पीस फॉर्मूला घोषित किया था, जिस पर अमल करवाने में वह भारत की भागीदारी पर भरोसा करते हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस फोन कॉल पर भारत सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पीएम मोदी ने समझाया भारत का रुख

पुतिन ने भी कुछ दिनों पहले किया था कॉल

दिलचस्प बात ये है कि कुछ दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कॉल करके दोनों देशों के संबंधों पर बात की थी. उसके बाद अब जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी को कॉल मिलाकर युद्ध खत्म (Russia Ukraine War) करवाने में सहयोग मांगा है. दोनों देशों की इस तवज्जो के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि भारत इस जंग में पूरी तरह न्यूट्रल है. उसने न तो अपने भरोसेमंद दोस्त रूस की आलोचना की है और न ही हमला करने के रूस के तर्कों को वाजिब ठहराया है. भारत ने रूस से तेल आयात कम करने के पश्चिमी देशों के आग्रह को भी बहादुरी के साथ नकार दिया है, जिससे दुनिया में भारत की साख और बढ़ गई है.

शुरू हो सकती है बैकडोर बातचीत की पहल

अब चूंकि दोनों ही देशों ने युद्ध (Russia Ukraine War) खत्म करवाने के लिए भारत से मदद मांगी है, इसलिए माना जा रहा है कि बैकडोर चैनल डिप्लोमेसी के जरिए इस संघर्ष का हल निकलवाने की कोशिशें तेज होंगी. माना जा रहा है कि भारत की सक्रियता से यह जंग फरवरी से पहले थम सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह भारत और मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी, जिससे दुनिया में भारत का दबदबा और बढ़ेगा.