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पाकिस्तान (Pakistan) की तरह बांग्लादेश (Bangladesh) में भी कट्टरता बढ़ती जा रही है. अल्पसंख्यकों को यहां निशाना बनाया जा रहा है. साल 2022 में यहां अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के आंकड़ों ने चौंका दिया है.

बांग्लादेश (Bangladesh) से एक बार फिर मजहब के नाम पर उन्माद की घटना सामने आई है. खबर है कि भीड़ ने हिंदू (Hindu) व्यवसायी की दुकान को अपना निशाना बनाया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरी कहानी तब शुरू हुई जब बांग्लादेश के बारिसाल में एक स्थानीय व्यक्ति ने हिंदू व्यवसायी की दुकान से मिठाई ली और बिना पैसे दिए वहां से जाने लगा. सूत्रों के मुताबिक, पैसे मांगने पर आरोपी ने दूसरे कई लोगों के साथ हिंदू कारोबारी की दुकान पर हमला कर दिया.

अल्पसंख्यक समाज को बनाया जा रहा निशाना

आरोपी पक्ष का कहना है कि दुकानदार और उसके कर्मचारियों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई इसलिए उन्होंने दुकान में तोड़फोड़ की. लेकिन पीड़ित कारोबारी का कहना है कि ये तो बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समाज को निशाना बनाने का एक बहाना भर है. हालांकि इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है लेकिन बरिसाल के लॉन्च घाट इलाके में खौफ का माहौल है.

1 साल में मारे गए 154 अल्पसंख्यक

बांग्लादेश से मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी और दिसंबर 2022 के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं समेत कुल 154 अल्पसंख्यक मारे गए. इतना ही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय की 39 महिलाओं के साथ रेप का भी आरोप है, जिनमें से 27 के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. रिपोर्ट कहती है कि बलात्कार के बाद 14 पीड़ितों की हत्या भी कर दी गई थी.

डर के माहौल में जी रहे अल्पसंख्यक

बांग्लादेश के सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर घोषणा की है कि वो बरिसाल इलाके को हिंदुओ से मुक्त कर देंगे, जिसके बाद वहां के कई हिंदू व्यवसायी दुकानें बंद कर घरों में जा बैठ गए हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी और रिपोर्ट्स के आधार पर पता चला है कि बांग्लादेश में 2022 में कुल 62 अल्पसंख्यक लापता हो गए और देश में 849 लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई. इतना ही नहीं अन्य 424 धार्मिक अल्पसंख्यकों को मारने का भी प्रयास किया गया और उनमें से 360 को बुरी तरह से घायल कर दिया गया. अविभाजित भारत में यानी 1901 में हुई जनगणना में बांग्लादेश में कुल 33 फीसदी हिंदू आबादी थी. लेकिन, अब ये आंकड़ा 8.5 फीसदी पर आ पहुंचा है.