टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोग अगर गर्म पानी से स्नान करते हैं तो उनको थोड़े लाभ मिल सकते हैं. HbA1c का लेवल गर्म पानी से नहाने से कम हो सकता है. HbA1c टेस्ट के जरिए 2-3 महीने का एवरेज ब्लड शुगर लेवल के बारे में मालूम किया जाता है.
सर्दियों के मौसम में ठंडे पानी में हाथ डालते ही जान निकल जाती है. अधिकतर लोग सर्दियों में गर्म पानी से ही नहाते हैं. वह इसलिए क्योंकि यह थकान उतारने और ठंड से बचाने में मदद करता है. मगर क्या डायबिटीज में गर्म पानी से नहाना सेफ है या फिर इससे ये बीमारी और ज्यादा हानिकारक बन जाती है? आइए आपको इन सवालों के जवाब देते हैं.
WHO की माने तो पूरे भारत में टाइप-2 डायबिटीज के तकरीबन 7.7 करोड़ मरीज हैं, जिनकी आयु 18 साल से अधिक है. जबकि 2.5 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं. आधे से अधिक लोग मधुमेह यानी डायबिटीज के घातक नतीजों के बारे में नहीं जानते. इस वजह से ये बीमारी और ज्यादा गंभीर होती जाती है.
गर्म पानी से नहाना फायदेमंद या नुकसानदायक?
टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोग अगर गर्म पानी से स्नान करते हैं तो उनको थोड़े लाभ मिल सकते हैं. HbA1c का लेवल गर्म पानी से नहाने से कम हो सकता है. HbA1c टेस्ट के जरिए 2-3 महीने का एवरेज ब्लड शुगर लेवल के बारे में मालूम किया जाता है.
लेकिन इसका रखें ध्यान
अगर ज्यादा गर्म पानी से नहाते हैं तो यह डायबिटीज के मरीज के पैरों के लिए बेहद नुकसानदायक है. NIDDK के मुताबिक, ज्यादा गर्म पानी से अगर नहाते हैं या पैरों को भिगोते हैं तो इससे स्किन रूखी हो सकती है. इसके अलावा इन्फेक्शन, स्किन का छिलना और घाव जैसी मुश्किलों से गुजरना पड़ सकता है. इससे आपके पैरों की स्किन की संवेदनशीलता भी खत्म हो सकती है.
डगमगा सकता है इंसुलिन
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों को बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाना नहीं चाहिए. कोशिश करें कि गुनगुने पानी से ही नहाएं. नहाने से पहले बॉडी पर मॉइश्चराइजर लगाएं और नहाने के बाद पैरों की उंगलियों के बीच में टैलकम पाउडर भी लगाएं.