पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के पास पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है कि वे राजनीति में कैसे आगे बढ़े और उन्होंने अपनी सरकार कैसे चलाई. एक न्यूज रिपोर्ट में जनरल बाजवा के करीबी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि हाल ही में रिटायर हुए बाजवा खान के आरोपों का सार्वजनिक रूप से जवाब नहीं दे पाए, क्योंकि कुछ सीमाएं थीं. लेकिन यह जोर देकर कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री, बाजवा के बारे में ज्यादातर जो कहते हैं, वह झूठ है.
बाजवा अब खान के निशाने पर हैं, जो न केवल सरकार में अपनी सभी विफलताओं के लिए पूर्व आर्मी चीफ को एकमात्र कारण के रूप में देखते हैं, बल्कि यह भी आरोप लगाते हैं कि जनरल ने अमेरिकी साजिश के तहत उनकी सरकार को हटा दिया था. खान का कहना है कि यह जनरल बाजवा थे जो एनएबी को नियंत्रित कर रहे थे और राजनेताओं की गिरफ्तारी और रिहाई का फैसला कर रहे थे. दूसरे पक्ष का कहना है कि खान अपने पीएम काल के दौरान अपने विरोधियों को लेकर पागल हो गए थे और अपने सभी प्रमुख विरोधियों को सलाखों के पीछे देखना चाहते थे. इन सूत्रों ने कहा कि जब जनरल बाजवा बोलेंगे, तो उनके पास कहने के लिए कोई अलग कहानी नहीं होगी, जो पूर्व डीजी एफआईए बशीर मेमन ने खान के बारे में आरोप लगाया था.
इमरान ने डाला था दबाव
मेमन ने आरोप लगाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए दबाव डाला था. उनके अनुसार, खान जनरल बाजवा से तत्कालीन विपक्षी नेताओं में से कई को गिरफ्तार करने के लिए भी कह रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि जब बाजवा ने कहा कि वह यह कैसे कर सकते हैं, तो खान ने पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ और उनके शासन के दौरान अपने राजनीतिक विरोधियों से निपटने के उनके तरीके का जिक्र किया. इस पर बाजवा ने कथित तौर पर खान से कहा था कि मुशर्रफ एक तानाशाह थे. बाजवा ने खान से कहा कि वह जो कुछ भी चाहते हैं उसे लिखने का आदेश दें. हालांकि खान ने ऐसा नहीं किया. सूत्रों ने कहा कि एनएबी को वकील शहजाद अकबर और एक प्रमुख जासूस के जरिए नियंत्रित और प्रबंधित किया गया था.
पूर्व पीएम ने विपक्ष को बताया था समस्या
सूत्रों ने दावा किया कि जब नए डीजी आईएसआई ने खान से मुलाकात की, तो खान ने शीर्ष जासूस से पाकिस्तान की बड़ी समस्या के बारे में पूछा. सूत्रों के अनुसार, खान को बताया गया, यह अर्थव्यवस्था है, लेकिन खान ने जवाब दिया नहीं, यह विपक्ष है.
एक मौके पर कई पीटीआई मंत्रियों की मौजूदगी में, सूत्रों ने कहा कि बाजवा ने कथित तौर पर खान को अपने सभी विरोधियों के साथ-साथ अपनी पार्टी के कई नेताओं को ठीक करने की इच्छा के खिलाफ चेतावनी दी थी. सूत्रों ने पुष्टि की, कि बाजवा खान को अपने विरोध के बजाय अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की सलाह दे रहे थे.
अपनी सरकार के दौरान, खान को खुद एनएबी के डर और अर्थव्यवस्था और नागरिक नौकरशाही पर इसके नकारात्मक प्रभाव के बारे में शिकायत करते सुना गया है. लेकिन विपक्ष को ठीक करने के उनके आग्रह ने उन्हें एनएबी में सुधार नहीं करने दिया. जनरल बाजवा को आम तौर पर इमरान खान प्रोजेक्ट के रूप में संदर्भित करने के लिए दोषी ठहराया जाता है.
बाजवा को मिला था विस्तार
खान ने जनरल बाजवा को तीन साल का विस्तार दिया था. अपनी सरकार को बचाने के लिए इस साल मार्च में एक और विस्तार की पेशकश की थी और बाद में अक्टूबर 2022 में बाजवा को अगले आम चुनाव और नई निर्वाचित सरकार के गठन तक जारी रखने का सुझाव दिया था.