आने वाले नए साल 2023 में हिंदू कैलेंडर अन्य सालों की तुलना में काफी अलग होने वाला है. साल 2023 में सावन का महीना 30 दिन का नहीं बल्कि 60 दिन का होगा. इतना ही नहीं व्रत-त्योहारों के समय में भी 15 से 20 दिन का अंतर देखा जाएगा
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अगला साल 12 नहीं, बल्कि 13 महीनों का होगा. इस कारण साल 2023 में हिंदू व्रत-त्योहारों की तारीखों में साल 2022 की तुलना में 15 से 20 दिन का अंतर होगा. सावन का महीना भी 30 दिन का नहीं बल्कि 60 दिन का होगा. इस कारण चातुर्मास भी 4 महीनों की बजाय 5 महीनों का रहेगा.
एक्स्ट्रा रहेगा एक महीना
आमतौर पर देखा जाता है कि कई बार एक तिथि 2 दिन पड़ जाती है या एक ही दिन में 2 तिथि पड़ जाती हैं. लेकिन साल 2023 इस मामले में काफी अलग होगा क्योंकि इस साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूरा का पूरा एक महीना एक्स्ट्रा रहेगा. दरअसल साल 2023 में पुरुषोत्तम महीना पड़ने के कारण यह स्थिति पैदा होगी. इसके चलते सावन का महीना 30 दिन की बजाय 60 दिन का होगा. दरअसल, पुरुषोत्तम महीना या अधिक मास जिस महीने के साथ जुड़कर आता है, वह महीना बढ़कर 2 महीने का हो जाता है. साल 2023 में अधिक मास सावन महीने के साथ पड़ रहा है इसलिए सावन महीना 30 दिन की बजाय 60 दिन का होगा.
…इसलिए पड़ता है अधिक मास
हर साल हिंदू वर्ष में कई तिथियां घटने-बढ़ने से एक साल में 11 दिन घट जाते हैं. इस तरह 3 साल में इन घटे हुए दिनों की संख्या 30 से 33 हो जाती है और इसे एडजस्ट करने के लिए अधिक मास पड़ता है. हर 3 साल में बढ़ने वाले इस अतिरिक्त महीने को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. साल 2023 में भी ऐसा हो रहा है. 2023 में पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई 2023 से 16 अगस्त 2023 तक रहेगा. इस कारण सावन का महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा. वहीं सावन महीने से पहले पड़ने वाले व्रत त्योहारों की तारीख 2022 की तुलना में 15-20 दिन कम और सावन महीने के बाद 15-20 आगे रहेगी.