ज्योतिष, वास्तु और हस्तरेखा शास्त्र की तरह ही रत्न शास्त्र का भी इंसान की जिंदगी में काफी महत्व है. रत्न शास्त्र में विभिन्न रत्नों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. इसके अनुसार, हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. किसी जातक की कुंडली में जब कोई ग्रह कमजोर स्थिति में होता है तो उसे ग्रह से संबंधित रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. हालांकि, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी जानकार इंसान से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए, वरना फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. रत्नों को नियमों के अनुसार ही पहनना चाहिए. आज एक ऐसे ही चमत्कारिक रत्न गोमेद के बारे में बात करेंगे.
बीमारी
गोमेद लाल और भूरे रंग का होता है. दिखने में यह काफी चमकदार होता है. इसे राहु ग्रह का रत्न माना जाता है. किसी के कुंडली में अगर राहु प्रतिकुल स्थिति में है तो उन्हें गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही गोमेद धारण करने से ब्लड कैंसर, आंख और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है.
धारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद रत्न मिथुन, वृषभ, कन्या ,तुला और कुंभ राशि के जातक धारण कर सकते हैं. इसके साथ ही इसे कभी मूंगा व पुखराज धारण नहीं करना चाहिए, वरना फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है. गोमेद को चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए.
नुकसान
ज्योतिष के अनुसार, जिन जातकों की राशि में राहु 5वें, 8वें, 9वें, 11वें और 12वें स्थान पर बैठा हो, ऐसे लोग गोमेद धारण करने से बचें, वरना उल्टे परिणाम मिल सकते हैं.