हिंदू धर्म में भगवान शिव के भक्तों की कमी नहीं है. भगवान शिव को सबसे कृपालु और दयालु देव माना जाता है. कहते हैं कि भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए मात्र एक लोटा जल भी काफी है. ऐसे में भक्त उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए हर संभव जतन करते हैं. शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति भगवान शिव की आराधना करता है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव बहुत भोले हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है.
भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है. हिंदू धर्म में महादेव को कई शक्तिशाली मंत्र समर्पित है. इन मंत्रों को विधिपूर्वक जपने से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से भक्तों के जीवन के सभी दुख दूर होते हैं. इन्हीं में से एक मंत्र है शिव ध्यान मंत्र. आइए जानते हैं इसका महत्व और लाभ के बारे में.
शिव ध्यान मंत्र
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा .
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं .
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व .
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
शिव ध्यान मंत्र का महत्व
जैसा कि मंत्र के नाम से ही समझ आ रहा है कि ये मंत्र भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए इस मंत्र का सही से उच्चारण किया जाता है. खासतौर से किसी खास तिथि या दिन इस मंत्र का जाप व्यक्ति के सभी कष्टों को दूर कर सकता है. कहते हैं कि मन की शांति और परिवार के कल्याण के लिए शिव ध्यान मंत्र का जाप किया जाता है. कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के मन से सभी बुरे विचारों का नाश होता है. मान्यता है कि नियमित रूप से सुबह जल्दी उठकर सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है.
शिव ध्यान मंत्र के लाभ
शास्त्रों के अनुसार शिव ध्यान मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. इतना ही नहीं, इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के आत्मबल में बढ़ोतरी होती है और व्यक्ति के उद्देश्य को मजबूती मिलती है. मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है. भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. प्रतिदिन इस मंत्र का जाप घर में सुख-समृद्धि लाता है और व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है.