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सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे जोशीमठ में एहतियात के तौर पर सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगी है। क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य पर रोक के बीच जनरल मनोज पांडे का बयान सामने आया है। 

जोशीमठ नगर पालिका और आसपास के क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है। चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के अनुसार जो भी लोग अस्थाई रूप से विस्थापित हुए हैं, उनको राहत सामग्री दी जा रही है। हमारे अधिकारी लोगों से लगातार मिल रहे हैं और उनकी परेशानियों का दूर करने में लगे हैं।

वहीं अब जनरल मनोज पांडे का बयान सामने आया है। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जहां तक बाईपास रोड (जोशीमठ, उत्तराखंड में) का संबंध है, काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। लेकिन अग्रिम इलाकों तक हमारी पहुंच और परिचालन संबंधी तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। हम स्थानीय प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

 

जोशीमठ में शुरू हुआ होटलों के ध्वस्तीकरण का काम, एक सप्ताह तक चलेगी कार्रवाई

जोशीमठ में होटल माउंट व्यू को तोड़ने जाने की कार्रवाई शुरू गई है। जोशीमठ में बीते मंगलवार को ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया।

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जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद चिन्हित किए गए होटल माउंट व्यू और मलारी इन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आखिरकार बृहस्पतिवार दोपहर बाद शुरू हो गई। सीबीआरआई की देखरेख में अगले एक सप्ताह में दोनों होटलों को जमींदोज कर दिया जाएगा। इस दौरान किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। दो दिन ऊहापोह की स्थिति के बाद बृहस्पतिवार को होटलों को डिस्मेंटल करने की कार्रवाई शुरू हुई। अपराह्न तीन बजे से बदरीनाथ हाईवे पर पुलिस-प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीमें भी होटलों में मुस्तैद हो गईं। थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंची क्रेन ने दोनों होटलों की छत से जनरेटर और पानी की टंकियों को बाहर निकाला। होटलों के आगे बिजली के खंभों को भी काटकर क्रेन से हटवाया गया।

अपराह्न सवा चार बजे मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा अपने परिवार के साथ होटल से बाहर आए और पुलिस अधिकारियों के साथ चले गए। इस दौरान ठाकुर सिंह राणा, पत्नी व बेटी भावुक हो गए। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम मलारी इन होटल की छत पर पहुंची यहां रखे अन्य सामान को निकालने का काम शुरू किया गया। डीएम हिमांशु खुराना ने बताया, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में इन दोनों होटलों को डिस्मेंटल किया जा रहा है। सीबीआरआई ने एक सप्ताह में दोनों होटलों को डिस्मेंटल करने की बात कही है।

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कसान का आकलन करेगी सीबीआरआई की टीम
सीबीआरआई की टीम ध्वस्तीकरण के साथ ही नुकसान का आकलन भी करेगी। जिन आवासों, भवनों को ध्वस्त किया जाना है, उनके अस्थायी पुनर्वास के लिए प्री फैब्रिकेटेड हट का डिजाइन भी तैयार करेगी। टीम की ओर से क्षतिग्रस्त भवनों के सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया गया है।

सचिव सीएम वापस, प्रभारी मंत्री को भेजा जोशीमठ 
जोशीमठ में तैनात किए गए सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को शासन ने वापस देहरादून बुला लिया है। बताया जा रहा उनकी जगह किसी अन्य अधिकारी की वहां तैनाती की जाएगी। इसके साथ प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जोशीमठ पहुंच गए हैं, जो अगले कुछ दिन वहीं कैंप करेंगे।

आपात स्थिति के लिए हेलीकॉप्टर तैयार 
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि जोशीमठ में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गौचर में सेना, आईटीबीपी के हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा राज्य सरकार का अपना हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।

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अंतरिम राहत राशि बांटने का काम शुरू 
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों को अंतरिम राहत राशि बांटने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत अभी तक कुल 80 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।

मूल्यांकन समिति का गठन 
शासन की ओर से एक जोखिम मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सीबीआरआई, वाडिया संस्थान, जीएसआई, आईआईआरएस और एनजीआरआई को शामिल किया गया है।

पानी के डिस्चार्ज में 50 फीसदी तक कमी आई
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया, जोशीमठ में जेपी कॉलोनी के पास फूटे पानी के स्रोत में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। छह जनवरी 2023 को जहां 540 एलपीएम पानी डिस्चार्ज हो रहा था, वहीं वर्तमान में घटकर 240 एलपीएम हो गया है।

एनडीआरएफ की एक टुकड़ी और जाएगी जोशीमठ  
जोशीमठ में एनडीआरएफ की दो टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा एक अन्य टुकड़ी को जोशीमठ भेजा जा रहा है। वहीं, एसडीआरएफ की आठ टुकड़ियां पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।

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