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जोशीमठ में सरकार ने घर खाली करने का आदेश दे दिया है. लोगों की जान जोखिम में है, इसलिए उन्हें वहां से निकाला जा रहा है. लोग आंखों में आंसू लेकर अपने बसे बसाए घर को छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. इसी बीच यहां एक नई आफत आ गई है. यहां बारिश और बर्फबारी के बीच लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

उत्तराखंड के दरकते जोशीमठ में लोगों के लिए मौसम खतरा बढ़ा रहा है. यहां आसपास के इलाकों में बारिश और बर्फबारी मुसीबत बनती जा रही है. ऊंचे इलाकों में बादल छाए हैं. जोशीमठ में हालात बेहद डरावने बने हुए हैं. कई मकानों में दरारें बढ़ रही हैं. यहां अब तक 723 घरों को खतरनाक घोषित किया जा चुका है.

जोशीमठ को लेकर इसरो ने भी जारी की है रिपोर्ट

जोशीमठ में दरकती जमीन को लेकर इसरो की रिपोर्ट भी सामने आई है. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसरो ने जो तस्वीरें और फैक्ट जारी किए हैं, उनके मुताबिक, जोशीमठ 12 दिन के अंदर 5.4 सेंटीमीटर धंस चुका है. ये धंसान 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच देखने को मिली है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके पहले जोशीमठ की जमीन बेहद धीमी गति से धंस रही थी.

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रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रशासन तेजी से काम में जुट गया है. प्रशासने “असुरक्षित” होटल को गिराने का काम शुरू कर दिया है. मलारी इन होटल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. इस होटल में बड़ी दरारें हो गई हैं और यह झुक रहा है.

कर्णप्रयाग में भी खतरे में जिंदगी, लोग बोले- हमारी भी मदद करो सरकार

जोशीमठ के साथ ही कर्णप्रयाग में भी खतरा बना हुआ है. यहां बहुगुणा नगर में 35 साल से ज्यादा समय से रह रहीं सविता रावत का कहना है कि एक दिन उनके घर में पानी के बुलबुले निकलने लगे. पिछले दो साल से छत पर रहने को मजबूर हैं.

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सविता के पति गाड़ी चलाते हैं और दो बच्चे हैं. सविता ने कहा कि घर के पीछे पहाड़ में एक चट्टान फंसी है, जो कभी भी गिर सकती है. डर के साये में जीने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रार्थना है कि जोशीमठ की तरह उनके साथ भी न्याय हो.

सविता रावत की ही तरह करीब 50 परिवार इन्हीं हालात में जीने को मजबूर हैं. उन्हें उम्मीद है कि जोशीमठ की तरह सरकार उनकी भी मदद करेगी.

राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए किए ये ऐलान

उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित परिवारों के छह महीने के बिजली और पानी के बिल माफ करने का फैसला किया है. एक साल के लिए उनके द्वारा लिए गए लोन की अदायगी पर भी रोक लगा दी है.

मंत्रि परिषद ने जोशीमठ के प्रभावित लोगों के अल्पकालीन पुनर्वास के लिए कोटी फार्म, पीपलकोटी, गौचर, गौख सेलांग और ढाक गांवों के सर्वेक्षण के बाद चिह्नित स्थानों पर आवासों के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी है.

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बैठक में राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों को किराए के के लिए दी जाने वाली राशि को 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति माह करने का भी निर्णय लिया.

प्रभावित लोगों को दी जाएगी राहत राशि

होटलों और रिहायशी इकाइयों में स्थापित अस्थाई राहत शिविरों में रहने वाले प्रत्येक प्रभावित परिवार को उनके ठहरने के लिए प्रति कमरा 950 रुपए प्रतिदिन के अलावा 450 रुपए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा.

आपदा के कारण जिन परिवारों की आजीविका के साधन प्रभावित हुए हैं, उनके दो वयस्क सदस्यों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत निर्धारित मजदूरी मिलेगी. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि अब तक 42 प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपए की अंतरिम सहायता राशि वितरित की जा चुकी है.