हरीश रावत ने कहा कि कहा, जोशीमठ में लोगों के घर धंस रहे हैं, जीवन खतरे में है। जहां सारे विशेषज्ञ भेजकर बचाव के उपाय करने चाहिए थे, पर बचाव के नाम पर मात्र औपचारिकताएं हो रही हैं।
प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत ने जोशीमठ भू-धंसाव पर तेजी से राहत कार्य की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को गांधी पार्क में एक घंटे का मौन उपवास रखा। मौन उपवास के बाद उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जोशीमठ में किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है।
कहा, जोशीमठ में लोगों के घर धंस रहे हैं, जीवन खतरे में है। जहां सारे विशेषज्ञ भेजकर बचाव के उपाय करने चाहिए थे, पर बचाव के नाम पर मात्र औपचारिकताएं हो रही हैं। जोशीमठ हमारी सभ्यता का केंद्र है, जहां जगद्गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी, आज वह देवभूमि हमारी गलतियों और हमारी लापरवाहियों से संकट में है। जोशीमठ में कब कहां धंसाव पैदा हो जाए, किसी को कुछ अनुमान नहीं है। एक बड़ी चुनौती जोशीमठ को बचाने की है, पर दून और दिल्ली में बैठकर शासन चलाने वाले लोग शायद अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं।
कहा, जोशीमठ में कुछ भाई-बहन बाहर ठंड में सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदों में रात काट रहे हैं। बताया कि संस्कृति के देवस्थल को बचाने के लिए भगवान बदरीविशाल और केदारबाबा से प्रार्थना करने के लिए वह मौन उपवास पर बैठे हैं। जोशीमठ क्षेत्र की जनता एक साल से भी अधिक समय से इस समस्या से जूझ रही है, पर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उपवास पर बैठने वालों में पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल चौहान, आचार्य नरेशानंद नौटियाल, महेंद्र नेगी, ओम प्रकाश सती, सुशील राठी, श्याम सिंह चौहान आदि शामिल रहे।
जोशीमठ में भू-धंसाव के प्रति सरकार गंभीर नहीं : आर्य