खबर शेयर करें -

कानपुर स्थित कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर  विनय कृष्णा के मुताबिक अस्पताल में जिन लोगों की मौत हुई है, उसकी वजह शीत लहर और गिरता पारा ही है.

नए साल का पहला हफ्ता शीत लहर बनकर सामने आया है. लोग ठंड से खुद को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. कहीं अलाव का सहारा है, तो कोई खुद को गर्म कपड़ों में छिपा कर ठंड से लड़ रहा है. लेकिन आज आपको अगर ठंड से किसी चीज़ को सबसे ज़्यादा बचाना है तो वो है आपका दिल. क्योंकि कड़ाके की ठंड और जनवरी का ये हफ्ता दिल के रोगियों पर भारी पड़ रहा है.

कड़ाके की ठंड से बढ़े हार्ट अटैक के मामले?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में सिर्फ 24 घंटे के अंदर हार्ट अटैक से 22 लोगों की जान चली गई. इनमें 17 हृदय रोगी तो कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट की इमरजेंसी तक ही नहीं पहुंच पाए. उन्हें चक्कर आया, बेहोश हुए और खत्म हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक चार दिनों यानी 2 जनवरी से 5 जनवरी के बीच कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में ही 56 लोगों की जान हार्ट अटैक की वजह से जा चुकी है. ये आंकड़े डराने वाले हैं, क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था, जब एक ही दिन में इतने लोगों ने हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवा दी हो.

यह भी पढ़ें -  🪐 17 जुलाई 2025 – आज का राशिफल | सभी 12 राशियों के लिए विस्तार से जानें कैसा रहेगा आपका दिन 📝

कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर का बयान
कानपुर स्थित कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर  विनय कृष्णा के मुताबिक अस्पताल में जिन लोगों की मौत हुई है, उसकी वजह शीत लहर और गिरता पारा ही है.

दिल के रोगियों की तादाद बढ़ी
ज़बरदस्त ठंड के बीच सिर्फ़ हार्ट अटैक के मामले ही नहीं दिल के रोगियों की संख्या भी  तेज़ी से बढ़ रही है.  अकेले कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में ही 723 ऐसे मरीज़ पहुंचे जिन्हें दिल से जुड़ी दिक्कतें थीं. मामले बढ़ने की वजह से अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है. यानी सर्दी सीधा दिल पर अटैक कर रही है और कई मामलों में तो ये अटैक इतना अचानक होता है कि संभलने का मौक़ा ही नहीं मिलता. फरीदाबाद में इसकी एक मिसाल हाल ही में देखने को मिली जहां एक शख़्स दवा लेने के लिए मेडिकल स्टोर पहुंचता है, लेकिन इससे पहले कि दुकानदार उसे दवा निकाल कर देता, वो बेचैन होने लगता है और हाथों से अपना सीना दबाने लगता है, कुछ ही सेकेंड में उसे चक्कर आता है और वो बेहोश होकर नीचे गिर पड़ता है, दुकानदार उसे थामने की कोशिश करता है. इन कुछ सेकेंड्स में हार्ट अटैक उस व्यक्ति की जान ले लेता है.

यह भी पढ़ें -  🪐 17 जुलाई 2025 – आज का राशिफल | सभी 12 राशियों के लिए विस्तार से जानें कैसा रहेगा आपका दिन 📝

क्या ठंड का हार्ट अटैक से कोई सीधा कनेक्शन है?
तो क्या इन मौतों के पीछे ठंड और शीतलहर भी एक वजह है. क्या ठंड का हार्ट अटैक से कोई सीधा कनेक्शन है. अब लोग इसका जवाब तलाश रहे हैं. एक स्टडी के अनुसार  तापमान में आने वाली हर 20 डिग्री की गिरावट से हार्ट अटैक का खतरा 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. अमेरिका में की गई एक स्टडी भी ये बताती है कि अमेरिका में गर्मियों की तुलना में सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले 30 प्रतिशत तक बढ़ गए.

एक्सपर्ट्स की राय- क्या करें और क्या न करें?
एक्सपर्ट्स के अनुसार ठंड की वजह से दिल तक ख़ून लाने और ले जाने वाली धमनियां सिकुड़ने लगती हैं.  जबकि पानी कम पीने की वजह से ख़ून गाढ़ा होने लगता है.  इसकी वजह से ब्लड प्रेशर के साथ दिल पर दबाव भी बढ़ने लगता है.  और हार्ट अटैक आने के चांस भी बढ़ जाते हैं.

अब हम आपको कुछ और टिप्स भी देंगे ताकि ठंड के मौसम में आप अपने दिल का ख़याल रख सकें. सबसे पहले तो आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

यह भी पढ़ें -  🪐 17 जुलाई 2025 – आज का राशिफल | सभी 12 राशियों के लिए विस्तार से जानें कैसा रहेगा आपका दिन 📝

1. आप गेहूं के साथ जगह गर्म माने जाने वाले अनाज जैसे बाजरा, ज्वार या रागी का आटा मिलाकर उसकी रोटियां खा सकते हैं.

2.इसके अलावा केला जैसे ज़्यादा मीठे फल कम खाएं, इनकी जगह पपीते, कीवी, संतरा या अमरूद जैसे कम मीठे फल खाएं.

3.हमेशा भूख से कम खाना खाएं, और अपने वजन का खास ध्यान रखें, क्योंकि आपके मोटापे और दिल की सेहत का सीधा रिश्ता होता है.

4.इसके अलावा आपको रोज़ाना कसरत करनी चाहिए, फिर चाहें आप सैर ही क्यों न करें.

5.और अगर ये भी संभव नहीं तो अपने रोज़मर्रा के काम के दौरान भी ज़्यादा से ज़्यादा पैदल चलने की कोशिश करें.

6.इसके अलावा आपको शराब और अल्कोहल से भी दूरी बना लेनी चाहिए, क्योंकि आप इनसे जितना दूर रहेंगे आपका दिल उतना ही सेहतमंद रहेगा.

इन तरीक़ों की मदद से आप अपने दिल का ख़याल रख सकते हैं, इसके अलावा अगर आप दिल के मरीज़ हैं तो आपको अपने डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहना चाहिए और अपनी दवाएं वक़्त पर लेनी चाहिए.  क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल ठंड के कम होने के आसार कम हैं, ऐसे में सावधान रहना ही सबसे बढ़िया उपाय है.