विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे: वैश्विक आतंकवाद-विरोधी दृष्टिकोण – सिद्धांत और रास्ता’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ब्रीफिंग की अध्यक्षता की. भारत दिसंबर 2022 के महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है.
इस दौरान यूएनएससी के सदस्यों ने आतंकवाद के पीड़ितों को सम्मान देने के लिए एक मिनट का मौन रखा और ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शांति सैनिकों को सम्मानित किया.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज की ब्रीफिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से जीवंत करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है. आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब और उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है.’
‘आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए’
एस जयशंकर ने कहा, ‘एक चुनौती यह है कि हम इस परिषद के अंदर और बाहर दोहरे मानकों से कैसे निपटें. बहुत लंबे समय के लिए, कुछ लोग इस दृष्टिकोण के साथ बने रहे हैं कि आतंकवाद केवल एक अन्य साधन या युक्ति है. आतंकवाद में निवेश करने वालों ने इस तरह के सनक को जारी रखने के लिए इस्तेमाल किया है.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए और हममें से किसी को भी सामूहिक रूप से ऐसी गणनाओं को कभी नहीं करना चाहिए. जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए.’
यूएन महासचिव से मुलाकात
इससे पहले विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात की और भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान मिलकर काम करने पर चर्चा की. गौरतलब है कि भारत ने आधिकारिक तौर पर एक दिसंबर को जी 20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी.
महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण
इससे पहले जयशंकर, गुतारेस और महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष सिसाबा कोरोसी ने महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया जिसे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी लॉन में स्थापित किया गया है.