भारत-चीन टेंशन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच फोन पर बातचीत हुई. इसको लेकर अमेरिका (US) की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमेरिका ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर उनकी स्थिति का स्वागत करते हैं और हिंसा को रोकने व कूटनीति के रास्ते पर चलने का आह्वान करते हैं. अमेरिका की तरफ से कहा गया कि हम पीएम मोदी को उनके शब्दों में लेंगे और जब वे होंगे तो उन टिप्पणियों का स्वागत करेंगे. रूस के साथ जुड़ाव पर दूसरे देश अपना फैसला खुद लेंगे. हम युद्ध के प्रभावों को कम करने के लिए सहयोगियों के साथ समन्वय करना जारी रखते हैं.
पुतिन और PM मोदी के बीच हुई बातचीत
बता दें कि जिस वक्त रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया उस वक्त यूक्रेन की राजधानी कीव धमाकों से दहल रही थी. रूस ने यूक्रेन पर काफी दिनों बाद इतना भीषण हमला किया है. यूक्रेन की राजधानी कीव में सायरन बज रहे हैं और कई इलाकों में अंधेरा छा गया है. वहीं, यूक्रेन की तरफ से कहा जा रहा है रूस इस साल के अंत में या फिर अगले साल की शुरुआत में 2 लाख से ज्यादा सैनिकों के साथ यूक्रेन पर फिर बड़ा हमला करने वाला है.
यूक्रेन विवाद को सुलझाने की सलाह
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो इससे पहले समरकंद में भी पुतिन को वार्ता और कूटनीति के जरिए यूक्रेन विवाद को सुलझाने की सलाह दे चुके हैं. उनके और पुतिन के बीच हुई टेलीफोनिक वार्ता का एजेंडा भी सामने आ गया है. जिस वक्त भारत और रूस के बीच होने वाले सालाना शिखर सम्मेलन के इस साल नहीं होने की आशंका जाहिर की जा रही थी, उस दौरान जब राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बात हुई तो कई सारे मुद्दों पर दोनों नेताओं ने चर्चा की. इसमें यूक्रेन वॉर से लेकर भारत-रूस रक्षा समझौतों और जी-20 में पुतिन की भागीदारी पर भी बात की गई.
भारत-रूस की सालाना समिट का एजेंडा
फोन कॉल में भारत-रूस की सालाना समिट का एजेंडा भी दिखा. भारत और रूस के बीच इस साल सालाना समिट नहीं हो रही है. साल 2000 से दोनों देशों के बीच ये मीटिंग होती आई है और ये दूसरा मौका है जब भारत-रूस के राष्ट्राध्यक्ष नहीं मिलेंगे. दोनों लीडर्स ने समरकंद SCO समिट के बाद पहली बार द्विपक्षीय संबंधों, एनर्जी, ट्रेड और इंवेस्टमेंट, डिफेंस और सिक्योरिटी सहयोग के साथ दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बात की.
इस वक्त भारत ही जी-20 का अध्यक्ष है. अगले साल जी-20 सम्मेलन भारत में होगा. मोदी ने इसके बारे में भी पुतिन को बताया. ऐसी खबरें भी चल रही हैं कि पुतिन इस जी-20 समिट के लिए भारत आ सकते हैं. अगले साल शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता भी भारत के पास है और इस मौके पर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के संपर्क में रहने की बात भी की.