बाइक सवार एक युवक ट्रक की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। वीआर अस्पताल प्रशासन ने मृतक के शव को देने से पहले एक लाख रुपये खर्च की मांग कर दी जिसको लेकर दोनों पक्ष में तीखी नोंकझोंक हो गई।
बाइक सवार एक युवक ट्रक की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। केवीआर अस्पताल प्रशासन ने मृतक के शव को देने से पहले एक लाख रुपये खर्च की मांग कर दी, जिसको लेकर दोनों पक्ष में तीखी नोंकझोंक हो गई। मृतक के परिजन अस्पताल में ही धरना पर बैठ गए।
ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत
ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जयनगर निवासी 30 वर्षीय पुरुषोत्तम पुत्र देवेंद्र सिंह तहसील मुख्यालय स्थित एक गैस एजेंसी में कर्मचारी था। चार दिन पहले वह बाइक से लौट रहा था कि शरीफनगर से सुरजन नगर मार्ग पर स्थित ग्राम पृथ्वीपुर गांवड़ी के पास तेज गति से जा रहे ट्रक ने उसे अपनी चपेट में लिया था। गंभीर रुप से घायल पुरुषोत्तम को मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मंगलवार की देर शाम इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तब परिजनों ने शव को ले जाने की बात अस्पताल प्रशासन से कही।
एक लाख रुपये चुकाने के बाद ही मिलेगा शव
अस्पताल प्रशासन ने इलाज पर खर्च हुए एक लाख रुपये चुकाने के बाद ही शव देने को कहा। इस बात को लेकर परिजनों की अस्पताल प्रशासन से तीखी नोंकझोंक हो गई। मृतक के परिजनों ने कहा कि इलाज में उनके अब तक लगभग साढ़े चार लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। साथ ही परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
इधर सूचना मिलने पर कुंडा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। वहीं समाचार लिखे जाने तक परिजनों को शव नहीं मिला था और परिजनों का धरना जारी था। उधर हादसे से मृतक की पत्नी बीनू देवी, भाई गौतम, प्रमोद व बेटे यश का रो-रोकर बुरा हाल था।
कुंडा थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश सिंह फर्त्याल का कहना है कि दोनों पक्ष आपस में बात करके मामला निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। तहरीर आती है तो जांच करके मुकदमा लिखा जाएगा।
केवीआर अस्पताल के डॉ. तरुण सोलंकी के अनुसार, मरीज को बेहद गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया था। परिजनों को इसकी जानकारी दी गयी थी। मरीज को बचाने का पूरा प्रयास किया गया। इसके बाबजूद बिल चुकाने को लेकर विरोध करते हुए उनके तरफ से बिल नहीं अदा किया गया। शव नहीं देने की बात निराधार है।
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