धरती को प्लास्टिक से बचने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में देहरादून छावनी परिषद ने अच्छा प्रयास किया है. जिसके तहत पूरे शहर के प्लास्टिक को ₹3 प्रति किलो के हिसाब से मोबाइल एप के जरिए खरीदा जाएगा.
एक तरफ प्लास्टिक धरती और पूरे मानव समाज के लिए सबसे बड़ा दुश्मन बनकर खड़ा है, तो वहीं खराब प्लास्टिक के पुन उपयोग को लेकर लगातार दुनिया भर में अलग-अलग प्रयोग किए जा रहे हैं. इन्ही में से एक प्रयोग देहरादून में भी किया जा रहा है. दरअसल घरों में मौजूद पॉलीथिन और प्लास्टिक के कलेक्शन को लेकर छावनी परिषद द्वारा मोबाइल एप के जरिए पूरे शहर के प्लास्टिक को₹3 प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा. जिससे लोगों को अपने बेकार प्लास्टिक को बेचने के लिए यहां-वहां नहीं भटकना पड़ेगा.
शहर के खराब प्लास्टिक को जुटाने की अनूठी पहल:
नोएडा की निजी कंपनी खराब प्लास्टिक से इस्तेमाल में लाई जाने वाली वस्तुओं को बनाकर एक साथ दो समस्याओं का समाधान कर रही है. तो वहीं इस कंपनी के लिए खराब प्लास्टिक के रूप में कच्चे माल की जरूरत को भी देहरादून से ही पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. देहरादून कैंटोनमेंट बोर्ड के CEO अभिनव सिंह ने बताया कि वह देश का पहला ऐसा मोबाइल एप डिजाइन कर रहे हैं. जिसके जरिए आपके घरों से 75 माइक्रोन से नीचे का ऐसा खराब पॉलीथिन और प्लास्टिक इकट्ठा किया जाएगा, जो कि इस वक्त एक बड़ी समस्या है. उन्होंने बताया कि ये मोबाइल एप सिस्टमैटिक प्रक्रिया के तहत लोगों के घरों से प्लास्टिक को एकत्रित करेगा और लोगों को रिवार्ड्स के रूप में प्रोत्साहन भी मिलेगा.
₹3 प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा प्लास्टिक:
अभिनव सिंह ने बताया कि छावनी परिषद द्वारा प्लास्टिक और पॉलिथीन के कलेक्शन को लेकर ऑफलाइन कार्य पहले ही शुरू कर दिया गया है. सितंबर 24 से आज तक उन्होंने ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत ₹3 प्रति किलो के हिसाब से प्लास्टिक को अपने कलेक्शन सेंटर पर खरीदा है. जिस पर लोगों का बहुत अच्छा रिस्पांस देखने को मिला है और अब वह मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए आम जनता को इस पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना चाहते हैं. ताकि लोग अपने घरों में मौजूद पॉलिथीन और प्लास्टिक को इधर-उधर ना फेंककर इकट्ठा करें और इस मोबाइल एप के माध्यम से जमा करवाएं, जिसका उन्हें पैसा भी मिलेगा.
पिछले एक महीने में 50 किलो प्लास्टिक का हुआ ऑफलाइन कलेक्शन:
देहरादून छावनी परिषद द्वारा 70 माइक्रोन से नीचे के खराब प्लास्टिक जो कि किसी भी तरह से रियूज नहीं होता है और वातावरण प्रदूषण को भी बढ़ावा मिलता है. ऐसे प्लास्टिक को कैंटोनमेंट बोर्ड लोगों से खरीद रहा है. उन्होंने बताया कि खराब प्लास्टिक से उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं का निर्माण करने वाली कंपनी ही इस प्लास्टिक को खरीद रही है. अब वह जल्द ही ऑनलाइन एप के जरिए शहर में डोर स्टेप कलेक्शन भी शुरू करेगी.
देहरादून में वेस्ट प्लास्टिक कलेक्शन की अपार संभावनाएं:
अभिनव सिंह ने बताया कि अभी वह प्रारंभिक तौर पर केवल ऑफलाइन प्लास्टिक वेस्ट का कलेक्शन कर रहे हैं. उन्हें इसमें ही बेहतर रिजल्ट देखने को मिल रहा है. उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि केवल छावनी परिषद में ही हर दिन 25 से 30 टन गीला और सूखा कूड़ा निकलता है. इसमें से वेस्ट प्लास्टिक को अलग कर उसे कलेक्ट किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके पास अभी 3 हजार किलो प्लास्टिक कलेक्शन की क्षमता है.