अर्थ एवं संख्या निदेशालय के 2021-22 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद जीएसडीपी के दूसरे संशोधित अनुमानों से यह खुलासा हुआ है। जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2011-12 के स्थिर भाव पर राज्य की विकास दर में तगड़ा उछाल आया है। 2017-18 में राज्य की विकास दर 7.90 प्रतिशत थी, जो एक साल में -5.07 प्रतिशत तक गिरी।
गिरावट का यह सिलसिला अगले दो वर्षों तक जारी रहा। वर्ष 2017-18 की तुलना में विकास दर में -5.93 फीसदी तक गिर गई। 2020-21 के दौरान प्रति व्यक्ति आय 1.90 लाख से घटकर 1.85 लाख रुपये तक पहुंच गई।
सशक्त उत्तराखंड का सपना साकार करने की ओर बढ़ रही सरकार के लिए यह सुकून वाली खबर है कि राज्य की अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौटकर गति पकड़ने लगी है।
कोरोनाकाल में ध्वस्त आर्थिकी को संभालने के लिए जो उपाय किए गए थे, उनका असर अब दिखाई देने लगा है। 2021-22 में राज्य की अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.05 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले तीन सालों में यह सर्वाधिक है। राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 265488 करोड़ रुपये का हो गया है।
कोविड महामारी में राज्य की अर्थव्यवस्था की पूरी तरह से कमर टूट गई और विकास दर शून्य से नीचे जा पहुंची। 2020-21 संशोधित अनुमान के मुताबिक, विकास दर -5.38 तक जा गिरी।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद जीएसडीपी में भी पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। 2019-20 के बाद जीएसडीपी में 406 करोड़ रुपये कमी आई थी। 2020-21 से 2021-22 के दौरान जीएसडीपी में 26631 करोड़ की वृद्धि हुई, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है।
इस तरह गिरकर उठी विकास दरवित्तीय वर्ष विकास दर प्रतिव्यक्ति आय जीएसडीपी
2016-17 9.83 161752 19512520
17-18 7.90 180858 22022220
18-19 2.83 186207 23032720
19-20 1.97 190558 239263
2020-21आरई-5.38 185761 238857
2021-22 पीई 7.05 205840 265488आंकड़े: विकास दर प्रति. में स्थिर भाव पर है और प्रतिव्यक्ति व जीएसडीपी के आंकड़े आय चालू भाव पर।
आरई: रिवाइज्ड इस्टीमेट (संशोधित अनुमान) पीई:प्रोविजनल इस्टीमेट (अस्थायी अनुमान) स्रोत: अर्थ एवं संख्या निदेशालयराज्य की अर्थव्यवस्था के बारे में इस साल के दूसरे संशोधित अनुमान हैं।
आंकड़ें राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद से द्वितीय और तृतीय क्षेत्रों में सुधार दिखाई दे रहा है।