प्रसिद्ध कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद साल दर साल तेजी से बढ़ रही है. अप्रैल 2024 से मार्च 2025 में करीब 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम के दर्शन किए. कैंची धाम में बड़ी तादाद में पहुंच रहे श्रद्धालुओं की वजह से ना सिर्फ जाम की स्थिति पैदा हो रही है, बल्कि यात्रियों को तमाम दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान कैंची धाम मेले की व्यापकता और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार करने की बात कही.
सीएम पुष्कर सिंह ने कैंची धाम में व्यवस्थाओं और सुविधाओं को बेहतर करने के लिए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने तात्कालिक उपायों से मेले के वर्तमान संचालन को बेहतर बनाया के निर्देश दिए, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के जरिए स्थायी एवं सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली विकसित किए जाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक करीब 3 किलोमीटर मार्ग पर हो रहे कटिंग कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए, ताकि यातायात व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके.
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम मेले में श्रद्धालुओं की तादाद हर साल तेजी से बढ़ रही है. एक साल में करीब 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम में दर्शन किए, जबकि पिछले सालों में श्रद्धालुओं की तादाद करीब 8 लाख के आसपास रही थी. ऐसे में इस साल श्रद्धालुओं की तादाद और अधिक बढ़ने की संभावना है. डीएम ने कहा कि कैंची धाम की धारण क्षमता कम है, जबकि मेले के दौरान क्षमता से अधिक कई गुना श्रद्धालु आते हैं.
वंदना सिंह, नैनीताल डीएम
नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने आगे कहा कि इस साल ढाई लाख से तीन लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए प्लान तैयार किया गया है. साथ ही कहा कि भविष्य में कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करने और अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव भी दिया है, ताकि यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जा सके. बता दें कि सुप्रसिद्ध कैंची धाम मेला 15 जून को शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए प्रशासन तमाम तैयारियों में जुटा हुआ है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.



