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देहरादून। गांवों में सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराने वाले मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल इंप्लायमेंट गारंटी एक्ट) के बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में 26 हजार करोड़ की बढोतरी का लाभ विषम भूगोल वाले उत्तराखंड को भी मिलना तय है।

इससे जहां गांवों में आने वाले दिनों में ज्यादा हाथों को काम मिलेगा, वहीं ऐसे परिवारों की संख्या भी बढ़ेगी, जो वर्ष में सौ दिन का रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

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रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या हो रही कम

ग्रामीण स्तर पर रोजगार की दृष्टि से देखें तो उत्तराखंड में भी मनरेगा ने बड़ा संबल प्रदान किया है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों से गांवों में संसाधन भी जुट रहे हैं। कार्य की दृष्टि से देखें तो राज्य में 7.97 लाख सक्रिय मनरेगा जॉब कार्डधारक हैं, जबकि सक्रिय श्रमिकों की संख्या 11.88 लाख है। यद्यपि, चालू वित्तीय वर्ष में सौ दिन का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम रही है।

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मनरेगा का बजट बढ़ने की उम्मीद

वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऐसे परिवारों की संख्या 20951 थी, जो चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 8359 ही पहुंच पाई है। यही नहीं, पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष राज्य में मनरेगा का बजट भी कम रहा। अब जबकि केंद्र ने मनरेगा का बजट 60 हजार करोड़ से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ करने का प्रस्ताव किया है तो इससे राज्य में भी मनरेगा का बजट बढने की उम्मीद है।

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