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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. शिमला ग्रामीण सीट के विधायक विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ राजस्थान की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. उनकी पत्नी द्वारा ही घरेलू हिंसा की धाराओं में एक केस दर्ज करवाया गया था.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जरूर बन गई है, लेकिन तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं चुनौतियों में अब शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. राजस्थान की एक अदालत ने विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. विक्रमादित्य सिंह के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा का केस उनकी पत्नी सुदर्शना चुण्डावत ने दर्ज कराया है.

जानकारी के लिए बता दें कि सुदर्शना चुण्डावत ने इस साल 17 अक्टूबर को विक्रमादित्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इस मामले की जब पहली सुनवाई हुई तब विक्रमादित्य पेश नहीं हुए थे. अब आज बुधवार को इस मामले में फिर सुनवाई होने जा रही है और विक्रमादित्य के खिलाफ अदालत ने एक गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया है. अभी तक इस विवाद पर कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. उनकी मां प्रतिभा सिंह या फिर हिमाचल के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस विवाद से उचित दूरी बना रखी है.

अब हिमाचल में कांग्रेस के लिए इस विवाद का सामने आना ज्यादा बड़ी चुनौती इसलिए है क्योंकि कहा जा रहा है कि विक्रमादित्य को मंत्री पद मिल सकता है. लेकिन अब क्योंकि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है, तो क्या अभी भी उनकी दावेदारी उतनी ही मजबूत रहने वाली है, ये बड़ा सवाल है. विक्रमादित्य सिंह की बात करें तो उन्होंने इस विधानसभा चुनाव में शिमला ग्रामीण सीट से एक बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने विरोधी को 13,860 मतों के अंतर से हरा दिया था. हिमाचल में सरकार बनने के बाद पहले चर्चा थी कि विक्रमादित्य सिंह सीएम भी बन सकते हैं, लेकिन हाईकमान ने राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू पर विश्वास जताया और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.