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1 जनवरी 2023 से भारत में इंटरनेशनल ट्रैवल को लेकर एयर सुविधा लागू कर दी गई है. चीन समेत छह देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य हो गया है. यानी उन्हें यात्रा करने से पहले अपनी नेगेटिव रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.

नया साल भारत में कोरोना के बड़े खतरे को दस्तक दे सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अगले चालीस दिन कोरोना संक्रमण के लिहाज से काफी गंभीर हो सकते हैं. कोरोना के पिछले ट्रेंड्स को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस बार भी जनवरी कहीं भारी ना पड़ जाए. सबसे बड़ा खतरा दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों से है. इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने कुछ सख्त कदम भी उठाए हैं.

इस कड़ी में 1 जनवरी 2023 से भारत में इंटरनेशनल ट्रैवल को लेकर एयर सुविधा लागू कर दी गई है. चीन समेत छह देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य हो गया है. यानी उन्हें यात्रा करने से पहले अपनी नेगेटिव रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. ऐसा नहीं करने वालों को भारत में एंट्री नहीं दी जाएगी. सरकार ने जिन देशों के यात्रियों के लिए आरटी पीसीआर अनिवार्य किया है उनमें चीन, हांगकांग, जापान, साउथ कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड शामिल हैं.

वहीं कर्नाटक सरकार ने शनिवार को उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. गाइडलाइन में कहा गया है कि हाई रिस्क वाले देशों से आने वालों के सभी यात्रियों के लिए आगमन के समय से 7 दिनों का होम क्वारंटाइन अनिवार्य है. एयरपोर्ट पर आने वाले यात्री में अगर किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत कोविड सेंटर इलाज के लिए भेजा जाएगा.

उधर, शनिवार को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी.के मिश्रा ने 22 दिसंबर को समीक्षा बैठक के दौरान देश में COVID-19 की स्थिति और पीएम द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के दौरान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय को चीन को औषधीय उत्पादों और उपकरणों के निर्यात की निगरानी करने के लिए कहा गया है. साथ ही देश में कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों को लेकर भी चर्चा की गई.

बता दें कि चीन में जारी कोरोना विस्फोट ने वैज्ञानिकों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है. वैज्ञानिक ये अनुमान लगाने में जुटे हैं कि भारत तक कोरोना के पहुंचने की टाइमिंग क्या हो सकती है. अगर कोरोना की लहर आती है तो ये कितना भयानक और कितना खतरनाक हो सकता है. अब तक के ट्रेंड बताते हैं कि ईस्ट एशिया से 35 से 40 दिनों में कोरोना लहर भारत पहुंची. पहली लहर में चीन से 61 दिनों में पहला केस भारत पहंचा था.

चीन से पहली लहर के भारत आने में 7 महीने का वक्त लग गया था. लेकिन अब ऐसी बात नहीं है. कोरोना का बीएफ-7 वेरिएंट 15 गुना ज्यादा रफ्तार से संक्रमण फैलाता है और इसलिए भारत में भी इसके तेजी से फैलने का खतरा है.