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मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को वन रैंक वन पेंशन योजना को रिवाइज कर दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार के इस फैसले से अब 25 लाख लोगों को फायदा होगा. पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था. इस संशोधन के बाद जो भी एरियर या बकाया होगा उसे भी सरकार देगी.

केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को पूर्व सैनिकों को न्यू ईयर को गिफ्ट दे दिया. सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना को संशोधित कर दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन का रिवीजन किया गया है. पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब संशोधन के बाद 25 लाख को इसका फायदा मिलेगा. सरकार के इस फैसले से राजस्व पर 8500 करोड़ का भार भी आएगा.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसमें 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है. उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा.

वहीं राजनाथ सिंह ने भी कैबिनेट के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 1 जुलाई, 2019 से वन रैंक वन पेंशन के तहत सशस्त्र बल पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में संशोधन को मंजूरी दी.

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि जिन रक्षा कर्मियों ने 1 जुलाई 2014 के बाद वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट) ले लिया है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस अवधि के बाद रिटायर हुए सुरक्षा कर्मियों का मिलाकर अब लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 2513002 पर पहुंच गई है.

क्या है वन रैंक वन पेंशन स्कीम?

वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) का मतलब है कि सशस्‍त्र बलों से रिटायर होने वाले समान रैंक वाले अफसरों को समान पेंशन, भले वो कभी भी रिटायर हुए हों यानी 1980 में रिटायर हुए कर्नल और आज रिटायर होने वाले कर्नल को एक जैसी पेंशन.

अगले एक साल तक मिलता रहेगा फ्री राशन

केंद्रीय कैबिनेट ने गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है. इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा. इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा.