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यूपी के गाजीपुर में एंटी करप्शन टीम ने एक दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया. दारोगा का नाम आफताब आलम है और वह पीड़ित से 25 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था. हालांकि, पहले वह 50 हजार की डिमांड कर रहा था. फिलहाल, दारोगा को उसी के थाने में गिरफ्तार कर लिया गया. उसपर एफआईआर दर्ज कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है.

दरअसल, पूरा मामला गाजीपुर जिले के सादात थाने का है, जहां बीते दिन एंटी करप्शन टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी. वाराणसी से आई एंटी करप्शन टीम ने दारोगा आफताब आलम को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. इस दौरान दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है.

आरोप है कि बीते 23 फरवरी को शिकायतकर्ता संजय यादव की लावारिस स्विफ्ट कार को रिलीज कराने के लिए एसडीएम के यहां आख्या भेजने के नाम पर दारोगा आफताब आलम ने 50 हजार रुपये की मांग की थी. हालांकि, बाद में 25 हजार पर बात तय हो गई. इसकी शिकायत संजय ने एंटी करप्शन टीम वाराणसी से की थी.

इसी आधार पर बीते मंगलवार को एंटी करप्शन टीम ने योजना बद्ध तरीके से थाना परिसर में केमिकल लगे करेंसी नोट को देते समय घूसखोर दारोगा को धर दबोचा. इस मामले में गिरफ्तार एसआई आफताब आलम को हिरासत में लेकर एंटी करप्शन टीम गाजीपुर जनपद के ही बहरियाबाद थाने ले गई और सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया.

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार दारोगा मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र का मूल निवासी है. एंटी करप्शन टीम के प्रभारी ने बहरियाबाद थाने में दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

पुलिस ने कहा कि संजय यादव ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि दारोगा उसके चार पहिया वाहन को छोड़ने के लिए रिश्वत मांग रहा था, जिसे 20 फरवरी को पुलिस स्टेशन ने जब्त कर लिया था. शिकायत में संबंधित पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी अशोक त्रिपाठी का भी नाम लिया गया है और उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं.