मिर्थी में कैंप विस्तार के लिए के दो गांवों की कुल 8.964 हेक्टेयर भूमि गौचर (चारागाह, जहां ग्रामीणों के पशु चरते हैं) उपलब्ध कराई गई है।
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पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी में 7वीं वाहिनी तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) को कैंप विस्तार के लिए 8.964 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करा दी गई है। इस संबंध में शासनादेश जारी होने के साथ ही पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को संबंधित भूमि आईटीबीपी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
आईटीबीपी की यह पोस्ट भारत-चीन सीमा के नजदीक होने के कारण सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। 7वीं वाहिनी तिब्बत सीमा पुलिस बल यहां कैंप का विस्तार करना चाहती है, लेकिन जमीन की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रही थी। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में रखा गया था, जिसे पिछले दिनों धामी मंत्रीमंडल ने अपनी मंजूरी दी थी।
मिर्थी में कैंप विस्तार के लिए के दो गांवों की कुल 8.964 हेक्टेयर भूमि गौचर (चारागाह, जहां ग्रामीणों के पशु चरते हैं) उपलब्ध कराई गई है। इसमें तल्ली मिर्थी में 3.311 हेक्टेयर और हाटपर्थ में 5.653 हेक्टेयर गौचर भूमि आटीबीपी को दी गई है। इस भूमि के बदले ग्रामीणों को इतनी ही भूमि चारागाह के लिए तल्ली मिर्थी और हाटपर्थ में उपलब्ध कराई गई है। यह भूमि बंजर भूमि है, जिसका उपयोग ग्रामीण चारागाह के लिए कर सकेंगे। इस संबंध में सचिव राजस्व सचिन कुर्वे की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को संबंंधित भूमि को गृह मंत्रालय केंद्र सरकार के पक्ष में करने की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। भूमि की उपलब्धता के साथ ही आईटीबीपी अब यहां अपने कैंप का विस्तार कर सकेगी।