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न्यायिक मजिस्ट्रेट व द्वितीय अपर सिविल जज आयशा फरहीन की कोर्ट ने चेक बाउंस के दो मामलों में अभियुक्त ललित बिष्ट निवासी अयारपाटा मल्लीताल नैनीताल को धारा 138 के तहत दोषी करार देते हुए दो माह के साधारण कारावास तथा एक लाख 15 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की धनराशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा।

 न्यायिक मजिस्ट्रेट व द्वितीय अपर सिविल जज आयशा फरहीन की कोर्ट ने चेक बाउंस के दो मामलों में अभियुक्त ललित बिष्ट निवासी अयारपाटा मल्लीताल नैनीताल को धारा 138 के तहत दोषी करार देते हुए दो माह के साधारण कारावास तथा एक लाख 15 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की धनराशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा।

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अधिवक्ता प्रदीप परगाई के अनुसार, जिला मुख्यालय के पर्दाधारा मल्लीताल निवासी अजय सिंह व अभियुक्त ललित बिष्ट में मित्रता थी। अभियुक्त ने 2020 में परिवादी अजय सिंह से तीन लाख उधार लिए थे, जिसके एवज में अभियुक्त ने परिवादी को ढाई लाख व 50 हजार के दो चेक दिए। दोनों चेक बैंक में प्रस्तुत किए गए तो वह अनाद्रित (बाउंस) हो गए।

इस पर परिवादी अजय सिंह ने अभियुक्त ललित बिष्ट के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद दाखिल किया तो दोनों पक्षों में डेढ़ लाख में राजीनामा हो गया। इसके बाद विपक्षी ने 20 जून 2020 को 50 हजार का चेक दिया, जो बैंक में प्रस्तुत किया तो वह भी बाउंस हो गया।

विधिक नोटिस देने के बाद भी उसने चेक में वर्णित धनराशि का भुगतान नहीं किया और न ही नोटिस का जवाब दिया, जिसके बाद कोर्ट ने अभियुक्त को तलब किया। 27 अप्रैल 2023 को अभियुक्त ने कोर्ट में सरेंडर किया तो कोर्ट ने जमानत दे दी।

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सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने परिवादी के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि परिवादी को खाली चेक दिया था, परिवादी को पूरा पैसा लौटा चुका हूं। परिवादी के अधिवक्ता प्रदीप परगाई व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त ललित बिष्ट को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।