कृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व 26 और 27 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर सोमवार, 26 अगस्त को त्योहार मनाने की बात कही जा रही है. जबकि श्रीकृष्ण की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में मंगलवार, 27 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.
इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव ब्रजमंडल में दो दिन मनाया जाएगा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व 26 और 27 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर सोमवार, 26 अगस्त को त्योहार मनाने की बात कही जा रही है. जबकि श्रीकृष्ण की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में मंगलवार, 27 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इसके चलते पूरे मथुरा-वृंदावन में तैयारी शुरू कर दी गई हैं.
श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव
श्रीकृष्ण जन्म स्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि यह श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है तो इस बार कुछ न कुछ खास जरूर होगा. इस बार जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही भव्यता और दिव्यता के साथ मनाने की योजना है. यहां भगवान हर बार की तरह इस साल भी सुबह की मंगल आरती से लेकर रात्रि जन्म अभिषेक तक भक्तों को दर्शन देंगे. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन उनकी जन्मस्थली मथुरा के जन्म स्थान पर होगा. यहां जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी. मध्य रात्रि को श्रीकृष्ण जन्म स्थान के मंदिर परिसर में भगवान का पंचामृत अभिषेक होगा.
बांके बिहारी मंदिर में होगी विशेष आरती
वहीं, विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन ही बांके बिहारी की प्रमुख मंगला आरती होती है. 27 अगस्त को भगवान का मंदिर प्रतिदिन की भांति ही खुलेगा. शाम को आरती के बाद रात में भगवान का अभिषेक होगा. इसके बाद प्रभु बांके बिहारी की मंगला आरती होगी, जो साल में एक बार ही होती है. इस बार प्रशासन द्वारा इस आरती में 600 लोगों के लिए दर्शन करने की व्यवस्था की गई है.
बांके बिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी मयंक विजय गोस्वामी ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन बिहारी जी की सुबह ऋृंगार आरती से लेकर रात्रि की शयन आरती होगी. सामान्य दर्शन के बाद रात 12 बजे बिहारी जी का बाला महाभिषेक होगा, जो कि साल में एक बार होता है. इस अभिषेक के बाद रात 2 बजे पीली पीताम्बरी पोशाक में बिहारी जी की मंगला आरती पर दर्शन खुलते हैं. इसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है. इस दिन भगवान को विशेष भोग लगाया जाता है. इसमें मुख्य रूप से गोले व चिरौंजी मेवा युक्त पंजीरी का भोग ठाकुर जी को लगाया जाता है.
जन्माष्टमी पर निकाली जाएंगी भव्य झांकियां
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद द्वारा निकाले जाने वाली इस शोभा यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. यह यात्रा श्री कृष्णा स्थान के मुख्य प्रवेश द्वार से पोतरा, कुंड गोविंद नगर, महाविद्या कॉलोनी होते हुए डीग गेट पुलिस चौकी पहुंचकर श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर समाप्त होगी. इस यात्रा में दो दर्जन से अधिक झांकियां भी शामिल होंगी. भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी श्री कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है.
जन्माष्टमी महोत्वस पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बृज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निकलने वाली शोभायात्रा में दो दर्जन दल शामिल होंगे. प्रत्येक दल में दस से चालीस कलाकार रहेंगे. श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने के लिए आगरा मंडल की आयुक्त ऋतु माहेश्वरी की अध्यक्षता में एक बैठक भी की गई है. इस बैठक में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के अलावा नगर निगम सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया.
आयुक्त ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसे ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं जल्द से जल्द पूरा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. श्रीकृष्ण जन्महोत्सव को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसलिए 25 और 26 अगस्त को यातायात व्यवस्थाओं में डायवर्जन किया गया है. पार्किंग स्थलों पर ही श्रद्धालुओं को गाड़ी खड़ी कर आगे की यात्रा लोकल व्हीकल जैसे ई-रिक्शा से करनी पड़ेगी. इसके लिए 18 पार्किंग बनाई जाएंगी. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान के पास चारों दिशाओं से आने वाले वाहनों को रोक दिया जाएगा. वहीं, वृंदावन में 32 पार्किंग बनाई जाएंगी और सभी श्रद्धालुओं को पार्किंग से आगे ई-रिक्शा से मंदिरों तक जाना होगा. पार्किंग पॉइंट मंदिरों के आस-पास ही बनाए जा रहे हैं.