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आपदा के दृष्टिगत से नैनीताल जिला काफी संवेदनशील माना जाता है. शायद यही कारण है कि पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश से नाईसेला गांव के करीब एक दर्जन से अधिक घरों और जमीनों में दरारें आ गई हैं. पढ़ें पूरी खबर..

उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जमीन धंसने और दरारें आने की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में एक बार फिर से नैनीताल जिले के नाईसेला गांव के करीब एक दर्जन से अधिक घरों और जमीनों में जोशीमठ की तरह दरारें आ गई हैं. जिसके चलते ग्रामीण अब चिंतित है. उन्हें हमेशा कोई अनहोनी होने का खतरा सताता रहता है.

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14 घरों में जोशीमठ जैसी दरारें आई: बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश के दौरान गांव के 14 घरों में जोशीमठ जैसी दरारें आ गईं हैं. लोगों के घरों और खेतों में बनी दरारें हर दिन चौड़ी हो रही हैं. जिससे पूरे गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. फिलहाल इस घटना को लेकर जिला प्रशासन जल्द से जल्द जांच करने की बात कह रहा है. हल्द्वानी से 20 किलोमीटर दूर स्थित नाईसेला के 95 परिवार मेहनत मजदूरी कर अपना भरण पोषण करते हैं.

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घरों में रहने से डरे लोग: ग्रामीणों के अनुसार करीब तीन साल पहले गांव के नीचे के हिस्से में सड़क निर्माण के लिए कमजोर पहाड़ी को खोद दिया गया था. जिससे पूरे गांव को खतरा बना हुआ है. आठ अगस्त को हुई बारिश में सड़क का करीब 50 मीटर हिस्सा भर-भराकर ढह गया. जिससे गांव के मकानों और खेतों में दरारें आनी शुरू हो गईं. ऐसे में अब लोग घरों में रहने से भी डर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सड़क भी टूट जाने से लोगों का संपर्क शहर से टूट चुका है. ऐसी स्थिति में लोगों ने गांव के अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है.

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अधिकारियों को गांव का निरीक्षण करने का आदेश: डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. रोड कटिंग से कुछ मकानों में दरारें आने की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निरीक्षण कर पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.