रामनगर रोड स्थित गढ़ी इंद्रजीत गांव में एक भालू आ गया। आबादी में आने पर लोगों ने शोर कर उसके करीब जाने की कोशिश की। इससे चिड़चिड़ाए भालू ने कई लोगों पर हमले का प्रयास किया। हालांकि बाद में वह गेहूं के खेतों में चला गया।
रविवार को गढ़ी इंद्रजीत गांव में एक दर्जन से अधिक मजदूर गेहूं की कटाई कर रहे थे। मजदूरों ने बताया कि गांव के पास आबादी में एक भालू घूमता हुआ दिखा। इससे उन्होंने शोर मचाकर लोगों को जानकारी दी। बताया कि भालू को देखने के लिए लोग घरों से बाहर आकर उसके करीब जाने लगे। इससे भालू चिड़चिड़ा हो गया।
बताया कि वह हमले का प्रयास करने गला। गांव के लोग डंडों के साथ शोर करने लगे तो भालू गेहूं के खेतों से होते हुए भाग गया। 10 से 15 मिनट तक भालू गांव में ही घूमता रहा। ग्रामीणों का कहना है कि उसके पास ही तराई पश्चिम वन प्रभाग का जंगल पड़ता है। अक्सर जानवर उनके खेतों में आ जाते हैं। पहली बार भालू को गांव में देखा गया है। डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जानवर भोजन पानी की तलाश में बाहर आ जाते हैं।
काला भालू होता है सबसे खतरनाक
विशेषज्ञों की माने तो तराई में काला भालू दिखने को मिलता है। पहाड़ी क्षेत्रों में सफेद मुंह वाला भालू दिखता है और बर्फबारी क्षेत्रों में भूरा भालू का मूवमेंट रहता है। बताया कि काला भालू सबसे खतरनाक होता है। जल्द हमला भी काला भालू ही करता है।
भालू के हमलों से ऐसे बचे
-भालू के दिखने पर दूरी बनाए, करीब न जाए
-भालू के भोजन और पानी पीते समय शोर न करें
-आबादी में आने पर वन विभाग को जानकारी दें
-गर्मी में चिड़चिड़ा होता है भालू, कतई न छेड़े