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किच्छा। उधमसिंह नगर के किच्छा निवासी एवं पुलिस में तैनात दारोगा सोशल मीडिया द्वारा एक शातिर युवती के झांसे में आ गया। अपराध के दलदल में गई इस युवती के खिलाफ फर्जीवाड़े के जब केस दर्ज हुए तो पुलिस कर्मी की आंखें खुलीं। अदालत के आदेश पर पुलभट्टा थाने में युवती और दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

थाना पुलभट्टा निवासी खेमेन्द्र ने अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह हरिद्वार पुलिस में तैनात है। 2017 में सोशल मीडिया से उसकी पहचान अर्चना निवासी यूपी से हुई थी। उसने अपने आपको दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित बैंक में जबकि अपने पिता को एनटीपीसी में डिप्टी डायरेक्टर बताया था

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इसी दौरान उसने अर्चना से शादी की बात कही तो वह टालती रही। बताया कि मार्च 2021 में अर्चना को हिमाचल पुलिस ने थाना बोटीवाला जिला बददी से आईटी एक्ट में गिरफ्तार किया तब उसे उसकी असलियत का पता चला। यह भी पता चला कि वह शातिर है और अपने प्रेमी और अन्य साथियों के साथ हिमाचल में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाती है। एक साल तक वह सोलन जेल में भी बंद रही। अर्चना के भाई ने बताया कि उसकी 12 वर्ष पूर्व शादी हो गई थी जिसे घर वालों ने अलग कर दिया था।

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अर्चना का इलाहबाद निवासी युवक और दून निवासी बस कंडक्टर से भी प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसे उसने पिता बताया था वह उसका दोस्त है। अब वह दरोगा से शादी कर पूर्व में किए अपराध से बचना चाहती है। उसका एक मुंह बोला भाई दरोगा को धमकी दे रहा है। उस पर गुजरात, एमपी, महाराष्ट्र, दिल्ली में धोखाधड़ी और जबरदस्ती वसूली के केस चल रहे हैं। अक्तूबर 2023 में अक्षय उर्फ दक्ष अग्रवाल ने फोन पर धमकी देकर 10 लाख रुपये मांगे और नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। पुलिस ने अर्चना, अक्षय अग्रवाल, सौरभ के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।