इलाहाबाद हाई कोर्ट की राहुल गांधी की नागरिकता पर बड़ी टिप्पणी
तारीख: 7 मई 2025 | 📰 रिपोर्ट: वेब डेस्क
🔎 राहुल गांधी नागरिकता मामला, इलाहाबाद हाई कोर्ट, केंद्र सरकार, ब्रिटिश नागरिकता, भारत सरकार
🔥 मुख्य बातें (Highlights)
✅ राहुल गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत
✅ केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय लेने का निर्देश
✅ फैसला नहीं लिया गया तो कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी
✅ याचिका निस्तारित, लेकिन दोबारा कोर्ट का रुख संभव
✅ याचिकाकर्ता ने दोहरी नागरिकता का आरोप लगाया था
✅ अनुच्छेद 9 का हवाला, एक साथ दो नागरिकताएं नहीं हो सकतीं
🧾 पूरा मामला क्या है?
कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नागरिकता विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से अस्थायी राहत मिली है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में शीघ्र निर्णय ले और याचिकाकर्ता को सूचित करे। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि भारत सरकार निर्णय नहीं लेती, तो यह अवमानना माना जाएगा ⚠️।
🧑⚖️ कोर्ट की टिप्पणी 📌
➡️ “अब यह पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार की है।”
➡️ “अगर फैसला नहीं हुआ, तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।”
➡️ “यदि केंद्र अंतिम निर्णय देता है, तो याचिकाकर्ता फिर से कोर्ट आ सकता है।”
📜 क्या था याचिका का दावा?
🔹 याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के पास यूके (ब्रिटेन) की नागरिकता है।
🔹 दावा: गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता से जुड़ी जानकारी छुपाई।
🔹 दो बार शिकायतें दी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए यह याचिका दाखिल की गई।
📖 क्या कहता है संविधान?
🇮🇳 भारतीय संविधान का अनुच्छेद 9 कहता है:
“यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है, तो वह भारतीय नागरिक नहीं रह सकता।”
इस आधार पर गांधी की “दोहरी नागरिकता” पर सवाल उठाए गए हैं।
⚖️ दिल्ली हाई कोर्ट में भी चल रहा है मामला
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में यही मामला उठाया था। कोर्ट ने कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।


