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नैनीताल हाई कोर्ट ने लालकुआं दुग्ध संघ लिमिटेज के भवन इत्यादि की भूमि पर वक्फ बोर्ड की ओर से स्वामित्व का दावा करते हुए 27 लाख की वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है। 

हाई कोर्ट ने लालकुआं दुग्ध संघ लिमिटेज के भवन इत्यादि की भूमि पर वक्फ बोर्ड की ओर से स्वामित्व का दावा करते हुए 27 लाख की वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से इस मामले में विस्तृत रिकॉर्ड तलब किया है। कोर्ट के आदेश से दुग्ध संघ को बड़ी राहत मिली है जबकि बोर्ड को झटका लगा है। वक्फ बोर्ड की ओर से लालकुआं दुग्ध संघ के भवन, डेयरी इत्यादि की करीब 52 हजार वर्ग फिट भूमि पर दावा करते हुए 10 मार्च 2015 को 29 लाख 25 हजार का वसूली नोटिस दुग्ध संघ को थमा दिया था।

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बोर्ड ने सरकार के खाते में जमा करने के दिए निर्देश

बोर्ड ने दुग्ध संघ का खाता सीज कर रकम सरकार के खाते में जमा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जिलाधिकारी की ओर से इस रकम को बोर्ड के खाते में ट्रांसफर करते हुए साफ किया था कि कार्रवाई पूरी होने पर इस रकम को खर्च ना किया जाए। इधर 12 दिसंबर 2022 को वक्फ बोर्ड ने करीब 27 वसूली का नोटिस फिर से लालकुआं दुग्ध संघ को कर दिया। जिससे संघ में खलबली मच गई। इस नोटिस को दुग्ध संघ की ओर से याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी। संघ ने इस नोटिस को नियम विरुद्ध करार देते हुए निरस्त करने की प्रार्थना की।

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लालकुआं दुग्ध संघ की भूमि के स्वामित्व का मामले में सुनवाई

सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए वक्फ बोर्ड के वसूली नोटिस पर रोक लगा दी। साथ ही बोर्ड से इस मामले से संबंधित समस्त रिकार्ड तलब किए हैं। अगली सुनवाई को 24 नवंबर की तिथि नियत की है। दुग्ध संघ की ओर से अधिवक्ता जगदीश बेलवाल व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिंह रावत ने बहस की।

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