समाज की नब्ज़ पहचानने वाली कलम खामोश: स्टेट ब्यूरो प्रमुख राकेश खंडूड़ी का निधन”
देहरादून/डोईवाला।
अमर उजाला उत्तराखण्ड के स्टेट ब्यूरो प्रमुख एवं वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूड़ी के निधन पर पत्रकारिता जगत और समाज में गहरा शोक व्याप्त है। गुरुवार को डोईवाला (देहरादून) स्थित उनके आवास पर पहुँचकर जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और समाजसेवियों ने अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की।
मृत्यु सत्य है, मगर असामयिक निधन परिवार और समाज के लिए गहरी पीड़ा छोड़ जाता है। उत्तराखंड पत्रकारिता जगत के स्तंभ, अमर उजाला के स्टेट ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूड़ी (54 वर्ष) का निधन सर्जरी के दौरान ऋषिकेश एम्स में बीती रात लगभग ढाई बजे हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे उत्तराखंड की पत्रकार बिरादरी शोक में डूब गई है।
राकेश खंडूड़ी के निधन को मीडिया जगत ने अपूरणीय क्षति बताया है। उनकी कलम सदैव जनसरोकार के मुद्दों और समाज की सच्ची आवाज़ को उठाने के लिए जानी जाएगी।
आज दोपहर में दिवंगत राकेश खंडूड़ी की शव यात्रा डोईवाला स्थित उनके आवास से हरिद्वार श्मशान घाट के लिए निकली। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय जनपदवासी शामिल हुए और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि –
“राकेश खंडूड़ी जी का जाना पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वे निर्भीक और जनसरोकार से जुड़े पत्रकार थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
साथ ही प्रदेश के सूचना महानिदेशक ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और पत्रकारिता में दिए गए उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया।
इस दौरान शोकाकुल परिवार से भेंट कर सभी ने अपनी संवेदनाएँ प्रकट कीं। दिवंगत राकेश खंडूड़ी अपनी निर्भीक पत्रकारिता और जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को मुखरता से उठाने के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
राकेश जी ने पत्रकारिता को केवल पेशा नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ और सत्य का दायित्व माना। उनकी कलम किसानों, मजदूरों और उपेक्षित वर्गों की बुलंद आवाज़ बनकर उठती थी। समाज की नब्ज़ पहचानने और उसे निडरता से सामने लाने की कला ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक अलग स्थान दिलाया।
पत्रकारिता में उनके योगदान, साफ़ दृष्टिकोण और गहन चिंतन को सदैव याद किया जाएगा। उनका असमय निधन उत्तराखण्ड ही नहीं, पूरे देश की पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है।
ॐ शांति! 🙏





