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वृंदावन में सीवर हादसे ने तीन परिवारों को उजाड़ दिया। उनको जीवन भर के आंसू दे गया। इस हादसे से पहले एक व्यक्ति ने सबसे पहले टैंक में उतरने से इनकार कर दिया था, वह ऐसा नहीं करता तो शायद उसकी भी जान चली जाती।

पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे अमित गुप्ता के चचेरे भाई पंकज ने रोते हुए बोला कि मौत तो उसकी आई थी। मगर, भाई को अपने साथ ले गई।

पंकज ने बताया कि अमित उनके ताऊ का बेटा था। उन्होंने सीवर टैंक में उतरने के लिए पहले उसे ही कहा था। उन्होंने कहा था कि बाहर से मजदूर लाकर क्या करना, जो मजदूरी होगी, वह उसे दे देगा। मगर, सीवर टैंक में उतरकर पंप बाहर निकालने से उसने मना कर दिया। इस पर वह श्याम को दिहाड़ी पर लाए। उसके साथ खुद सीवर टैंक में उतरे।

हाथ छुड़ाकर चाचा को बचाने सीवर टैंक में कूदा था प्रिंस
प्रिंस की मौत को लेकर पंकज और अमरनाथ ने बताया कि वह पास ही पेंटर का काम कर रहा था। जैसे ही उसे सीवर टैंक में अपने चाचा अमित गुप्ता और मजदूर श्याम के अचेत होने की जानकारी मिली तो वह तत्काल दौड़ पड़ा। लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह हाथ छुड़ाकर टैंक में कूद गया। अमरनाथ और पंकज ने बताया कि प्रिंस और अमित के बीच चाचा-भतीजे के रिश्ते से ज्यादा दोस्ती का रिश्ता था। दोनों एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे। एक साथ ही दोनों ने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी।

परिवहन मंत्री ने जताया शोक
बलिया के दो और मथुरा के एक युवक की मौत पर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मथुरा के एसएसपी और डीएम से वार्ता की। साथ ही स्थानीय भाजपा नेताओं से भी वार्ता की। दरअसल, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया के निवासी हैं। उनको जैसे ही सोशल मीडिया के जरिये हादसे में बलिया के दो लोगों को मौत की सूचना मिली, उन्होंने दुख जाहिर किया। परिवहन मंत्री ने स्थानीय अधिकारियों से हादसे की रिपोर्ट शासन को भेजने और उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता देने की संस्तुति करने का निर्देश दिया है।

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