भारत में डायबिटीज के काफी अधिक लोग हो गए हैं. यह किसी महामारी की तरह फैल रही है जिसकी चपेट में उम्रदराज लोगों से लेकर बच्चे भी आ रहे हैं. अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आप जानते ही होंगे कि इस बीमारी को मैनेज करना कितना मुश्किल होता है. डायबिटीज में आपके शरीर का ब्लड शुगर (खून में ग्लूकोस की मात्रा) सामान्य से ज्यादा हो जाती है.
लंबे समय तक ब्लड शुगर के ज्यादा रहने से व्यक्ति को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. कई बार डायबिटीज की बीमारी में रोगियों का ब्लड शुगर कम और ज्यादा होना खतरनाक स्थिति है. ब्लड शुगर के कम होने से मरीज की जान भी जा सकती है. इस आर्टिकल में हम आपको ब्लड शुगर से जुड़ी हर एक अहम जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि ब्लड शुगर का कौन सा स्तर डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है. साथ ही आपको ब्लड शुगर के घटने-बढ़ने को मैनेज करने के तरीके भी बताएंगे.
सामान्य ब्लड शुगर क्या होता है
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, एक सामान्य फास्टिंग ब्लड शुगर यानी सुबह के समय जब आपने 8 घंटे तक पानी के अलावा कुछ भी खाया या पिया नहीं हो, वो 100 mg/dLसे कम होनी चाहिए है. 100 mg/dL का मतलब है कि आपका ब्लड शुगर सामान्य है.
वहीं, अगर किसी की फास्टिंग ब्लड शुगर रीडिंग 100 से 125 mg/dL के बीच आती है तो इसका मतलब है कि उन्हें प्री-डायबिटीज (डायबिटीज की शुरुआत) का खतरा है. इसके अलावा 125 से ऊपर की रीडिंग डायबिटीज का इशारा करती है.
फास्टिंग ब्लड शुगर के जरिए डायबिटीज के स्तर का पता लगाया जा सकता है. इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं.
100 mg/dl से कम- सामान्य
100 mg/dl से 125 mg/dl-प्रीडायबिटीज
126 mg/dl या अधिक -डायबिटीज
हाई ब्लड शुगर से खतरा
हाई ब्लड शुगर होने का मतलब है कि आपके खून में बहुत अधिक शुगर है और आपके शरीर में इंसुलिन की कमी हो रही है जो आपके शुगर लेवल को काबू में नहीं कर पा रही. यह स्थिति कई कारणों से बन सकती है जिसमें भोजन से पर्याप्त इंसुलिन नहीं मिल पाना, बहुत कम व्यायाम करना, जरूरत से अधिक खाना-पीना, तनाव, हार्मोनल परिवर्तन और नींद की कमी शामिल है.
हाई ब्लड शुगर खतरनाक है. इसका मतलब यह है कि आमतौर पर अगर किसी दिन आपका ब्लड शुगर बढ़ा है तो ये जरूर नहीं कि यह आपके लिए खतरनाक है. उदाहरण के लिए अगर किसी दिन आपके आइसक्रीम खाने से आपका ब्लड शुगर बढ़ गया तो यह ज्यादा समय तक नहीं रहेगा. लेकिन अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर की समस्या है और जिसका शुगर लेवल 200 mg/dL के आसपास रह रहा है तो संभव है कि उसे डायबिटीज से जुड़ी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़े.
हाई ब्लड शुगर के लक्षण क्या होते हैं
हाई ब्लड शुगर के लक्षण गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. उच्च रक्त शर्करा के शुरुआती लक्षणों में जब आपका शुगर लेवल बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है तो उसमें बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार यूरीन आना, थकान, मांसपेशियों में तेज दर्द, नजर धुंधलाना और सिरदर्द जैसे लक्षण शामिल हैं.
हाई ब्लड शुगर के गंभीर लक्षणों में जी मिचलाना, उल्टी, मुंह सूखना, वजन घटना, कमजोरी, अत्यधिक थकान, भ्रम, मांसपेशियों में तेज दर्द, नजर का बहुत अधिक धुंधला हो जाना, सांस लेने में कठिनाई और कोमा जैसे लक्षण शामिल हैं.
लो ब्लड शुगर का खतरा
लो ब्लड शुगर, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया के रूप में भी जाना जाता है वह और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. हाइपोग्लाइसीमिया की बीमारी का इलाज ना होने पर व्यक्ति कोमा में जा सकता है और उसकी मौत तक हो सकती है.
लो ब्लड शुगर ज्यादातर मामलों में स्थायी समस्याओं का कारण नहीं बनता है (जब तक कि किसी को कोमा में जाने से मस्तिष्क में सूजन या चोट ना लगी हो) लेकिन ये थोड़े-थोड़े अंतराल पर व्यक्ति को परेशान कर सकता है. इससे व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत हो सकती है.
लो ब्लड शुगर क्या होता है
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में लो ब्लड शुगर का मतलब 80 mg/dL से कम है. वहीं, अगर ये रीडिंग 40 mg/dLसे कम होती है तो ये बेहद खतरनाक है.
अगर किसी डायबिटिक व्यक्ति का ब्लड शुगर कई घंटों तक 40 mg/dL से नीचे रहता है तो उस व्यक्ति की कोमा में जाने की बहुत अधिक संभावना होती है.
लो ब्लड शुगर के लक्षण क्या हैं?
लो ब्लड शुगर के लक्षणों में भ्रम, गुस्सा,पसीना आना, चलने-फिरने में दिक्कत, तेज पल्स, भूख, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, बोलने में दिक्कत और मांसपेशियों में कमजोरी शामिल है.
हाई और लो ब्लड शुगर से बचने के तरीके
किसी भी व्यक्ति के लिए डायबिटीज के साथ जिंदगी जीना आसान नहीं होता लेकिन डायबिटीज रोगियों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वे अपने ब्लड शुगर को बहुत अधिक बढ़ने या घटने ना दे.
इन तरीकों से अपने ब्लड शुगर को काबू में रख सकते हैं मरीज
डायबिटीज के मरीज कुछ तरीके और रणनीतियां अपनाकर अपने ब्लड शुगर को काबू में रख सकते हैं.
1-अपने कार्ब्स पर नजर रखें और ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें आपको कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का पता हो.
2-घर पर खाना पकाएं ताकि आपको पता हो कि आपके खाने में किन चीजों को शामिल किया गया है.
3-एक दिनचर्या बनाए रखें और हर दिन एक ही समय पर भोजन करें
4-डायबिटीज के मरीज पर्याप्त नींद लें.
5-अपने इंसुलिन लेवल की समय-समय पर जांच करते रहें. खाना खाने से पहले और बाद में इंसुलिन की भी जांच करें ताकि आपको पता हो कि आप कुछ ऐसा तो नहीं खा रहे.