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विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रन्यासी मंडल की बैठक मंगलवार को समाप्त हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विहिप के नव नियुक्त महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने कहा कि समान नागरिक संहिता अपनाने पर उत्तराखंड सरकार का अभिनंदन करते हुए प्रन्यासी मंडल ने मांग उठाई है कि शेष राज्य भी सशक्त समान नागरिक संहिता अपनाएं।

जिससे देशवासियों के बीच भेदभाव समाप्त हो और सभी बच्चों व महिलाओं को समान अधिकार मिल सके।

बैठक में देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कर हिंदू समाज के समक्ष खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए षष्ठी पूर्ति वर्ष में संगठन के विस्तार की योजनाएं भी बनाई गईं। बजरंग लाल बागड़ा ने कहा कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया, अब हम संगठन, समाज और हिंदुओं में रामत्व के प्रसार के साथ संस्कारित व सबल समाज की पुनर्स्थापना करेंगे। इसके लिए विहिप देशभर में एक लाख स्थानों तक अपने कार्य का विस्तार करेगा। श्रीराम की मर्यादाओं की पुनर्स्थापना जन-जन के अंतःकरण में कराकर संस्कारवान, समर्पित व सुरक्षित हिंदू समाज बनाएंगे। इसके लिए गांव-गांव में संस्कार शाला आयोजित की जाएगी।

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विहिप महामंत्री ने कहा कि सेवा कार्यों का विस्तार, गोरक्षा और गोसंवर्धन के साथ धर्मांतरण को रोकने व घर वापसी के कार्य को और गति देने के बारे में भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। विहिप के देश में 5200 सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाने का निर्णय हुआ। बैठक में कुल 371 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान विहिप के नवनिर्वाचित अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार, संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन, राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल, शरद शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।

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विदेश में बसे हिंदुओं की समस्याओं पर भी हुई चर्चा

विदेश में बसे हिंदुओं के साथ संपर्क व समन्वय को और अधिक मजबूत बनाकर उनकी समस्याओं के यथोचित समाधान के लिए भी अनेक देशों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी कार्य योजना बताई। विदेश में भी संगठन के विस्तार का निर्णय हुआ। महामंत्री ने बताया कि बैठक में गुयाना, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, थाईलैंड समेत दस देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

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धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाएं राज्य

महामंत्री ने कहा कि सामाजिक समरसता की दृष्टि से विहिप ने बहुत कार्य किया है, लेकिन अभी और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। धर्मांतरण रोकने के लिए कुछ राज्यों ने कठोर कानून बनाए हैं, लेकिन अन्य राज्य भी इस बारे में आगे बढ़ें, इस बात पर भी प्रन्यासी मंडल ने चिंतन किया। सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम जारी होते ही विहिप पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म आधारित उत्पीड़न का शिकार हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध बहन-भाइयों की नागरिकता के संदर्भ में भी शीघ्रता के साथ कार्रवाई करेगा।

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