प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चौंकाने वाले आतंकी हमले पर चर्चा की। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति या सीसीएस की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि जवाबी कार्रवाई की जाएगी, जो उचित और त्वरित होगी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जो आज सुबह श्रीनगर में थे, दिल्ली पहुंचने के बाद पहुंचे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी बैठक में शामिल रहे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने और सरकार की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और वरिष्ठ नौकरशाह मौजूद थे। शाह ने प्रधानमंत्री को हमले के बारे में जानकारी दी तथा इस घटना के बाद उठाए गए कदमों पर चर्चा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सीसीएस का हिस्सा हैं लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं हो सकीं, क्योंकि वह देश में नहीं है। सीतारमण आतंकवादी हमले के मद्देनजर अपनी आधिकारिक यात्रा को बीच में ही छोड़कर अमेरिका से वापस आ रही हैं। बैठक में कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अलावा प्रधानमंत्री के दो प्रधान सचिव पी के मिश्रा और शक्तिकांत दास भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को सऊदी अरब से सुबह-सुबह वापस आ गए।
पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल लोगों को कड़ा जवाब मिलेगा: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में शामिल लोगों को ”निकट भविष्य” में मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारत ऐसी किसी भी आतंकवादी गतिविधि से ”भयभीत” नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल उन लोगों को ढूंढ़ेगा जिन्होंने हमला किया, बल्कि उन लोगों का भी पता लगाएगा जिन्होंने ”पर्दे के पीछे बैठकर” भारतीय धरती पर इस नापाक कृत्य को अंजाम देने की साजिश रची।
आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में हमला किया जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। रक्षा मंत्री ने वार्षिक अर्जन सिंह स्मारक व्याख्यान देते हुए यह टिप्पणी की। संबोधन से कुछ घंटे पहले सिंह ने लगभग ढाई घंटे की बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए। रक्षा मंत्री ने कहा, ”कल पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किए गए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया। इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हम सभी को गहरे दुख और पीड़ा में डाल दिया है।”
सिंह ने कहा, ”मैं इस मंच से देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के मद्देनजर भारत सरकार हर वह कदम उठाएगी जो आवश्यक और उचित होगा।” रक्षा मंत्री ने कहा, ”भारत इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है कि वह किसी भी आतंकवादी गतिविधि से भयभीत नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा, ”ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को निकट भविष्य में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।” सिंह ने पहलगाम में हुए हमले को ”अत्यंत अमानवीय” बताया, जिसने ”हम सभी को अत्यंत दुखी कर दिया है”। उन्होंने कहा, ”सबसे पहले मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।
दुख की इस घड़ी में मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने कहा, ”मैं भारत के इस दृढ़ संकल्प को दोहराना चाहूंगा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की है।” सिंह ने कहा कि भारत का हर नागरिक इस कायराना कृत्य के खिलाफ एकजुट है।
सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में उत्पन्न स्थिति के सभी संभावित पहलुओं पर चर्चा की गई। सूत्रों ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया है।
बैठक में सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें सेना की तैनाती भी शामिल थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए मंगलवार को कहा था कि इस ”घृणित कृत्य” के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
आतंकवादी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर कई बैठकें हो चुकी हैं। मोदी सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा बीच में ही समाप्त कर आज सुबह नयी दिल्ली लौट आए। गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा व्यवस्था की अगुवाई करने के लिए मंगलवार शाम श्रीनगर पहुंचे थे।


