आज दिनाँक 07.10.2024 को रा० स्ना० महा० कुणीधार, मानिला (अल्मोड़ा) के सभागार में वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा ‘गढ़भोज दिवस’ मनाने के उपलक्ष में महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय डॉ० गोरखनाथ की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी, निबन्ध प्रतियोगिता एवं गढ़भोज व्यंजन प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ० संजय कुमार, जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा उत्तराखण्ड के औषधीय गुणों से भरपूर फसलों एवं उनसे बनने वाले गढ़भोज के संबंध में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ० पीताम्बर दत्त पन्त, अर्थशास्त्र विभाग ने सभी विद्यार्थियों के समक्ष गढ़भोज विषयक गहन जानकारी प्रस्तुत की एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं के साथ पारस्परिक विचार-विमर्श कर उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों की जानकारी साझा की। गढ़भोज संबंधी निबन्ध प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिकाओं डॉ० संतोष पंसारी तथा डॉ० रेखा की अहम भूमिका रही। निबन्ध प्रतियोगिता के परिणाम तथा व्यंजन प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम की सफलतापूर्वक घोषणा हिन्दी विभाग की प्राध्यापिका डॉ० गार्गी लोहनी द्वारा की गई। निबन्ध प्रतियोगिता में बी०ए० प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं रिंकी चमोला, रूपा चमोला, तनुजा शर्मा व दीक्षा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने वाली उपरोक्त छात्राओं को उनके प्रमाण एवं प्रशस्ति-पत्रों का वितरण कार्य डॉ० गार्गी लोहनी द्वारा करवाया गया। उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों के बेहतरीन प्रस्तुतीकरण तथा मानव स्वास्थ के लिए उपयोगी उनके औषधीय गुणों की जानकारी देने हेतु बी०एस-सी० पंचम सेमेस्टर की छात्रा वन्दना शर्मा एवं बी०ए० प्रथम सेमेस्टर की छात्रा तनुजा शर्मा को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गए। मंच संचालन का कार्यभार कार्यक्रम संयोजक डॉ० शैफाली सक्सेना, वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा संभाला गया। कृतज्ञता ज्ञापन की विधिवत परम्परा हेतु सम्बोधन डॉ० गार्गी लोहनी द्वारा किया गया। अंततः महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० गोरखनाथ ने गढ़भोज दिवस कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन के माध्यम से सभी को स्नेहाशीष प्रदान किया। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने की कड़ी में डॉ० भावना अग्रवाल, डॉ० उदय शर्मा, डॉ० खुशबू आर्या, डॉ० आशीष कुमार, डॉ० कविन्द्र भट्ट आदि उपस्थित रहे।