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एमबीपीजी कालेज सभागार में समारोह शुरू हाे चुका था। प्राचार्य प्रो. एनएस कोटी का भाषण चल रहा था और मंच पर मुख्य अतिथि समेत आइजी डा.नीलेश आनंद भरणे समेत तमाम अतिथि बैठे थे। इस बीच छात्र संघ उपाध्यक्ष गौरव सम्मल और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने परिसर में छात्र संघ पदाधिकारियों की ओर से पोस्टर लगाने का विरोध शुरू कर दिया।

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एमबीपीजी कालेज छात्र संघ पदाधिकारियों के मध्य चल रहे मनमुटाव का गुबार सोमवार को वार्षिकोत्सव के दौरान फूट पड़ा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के सामने ही जमकर हंगामा होता रहा। इस बीच परिषद कार्यकर्ताओं और छात्र संघ अध्यक्ष के बीच नोकझोंक हुई। विरोध कर रहे छात्रों ने परिसर में लगे समारोह के बैनर और पोस्टर तक फाड़ दिए। पुलिस को जैसे-तैसे माहौल को संभालना पड़ा।

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एमबीपीजी कालेज सभागार में समारोह शुरू हाे चुका था। प्राचार्य प्रो. एनएस कोटी का भाषण चल रहा था और मंच पर मुख्य अतिथि समेत आइजी डा.नीलेश आनंद भरणे समेत तमाम अतिथि बैठे थे। इस बीच छात्र संघ उपाध्यक्ष गौरव सम्मल और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने परिसर में छात्र संघ पदाधिकारियों की ओर से पोस्टर लगाने का विरोध शुरू कर दिया।

छात्रसंघ के अन्य पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि वार्षिकोत्सव को छात्र संघ समारोह का रूप दे दिया गया है। साथ ही कालेज प्रशासन पर भी मनमानी करने का भी आरोप लगाया। एबीवीपी कार्यकर्ता व छात्रसंघ रश्मि लमगड़िया के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। तीखी बहस होने लगी।

अचानक हुए हंगामा से कालेज के प्राध्यापकों और सुरक्षा कर्मियों में खलबली मच गई। पुलिस कर्मियों ने छात्र संघ अध्यक्ष और विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं को शांत कराने का प्रयास किया। 20 मिनट से अधिक समय तक चले इस ड्रामे के दौरान जमकर धक्कामुक्की हुई।

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कार्यक्रम स्थल से नारेबाजी करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ता बाहर निकले और आसपास लगे पोस्टर, बैनर फाड़ डाले। इससे काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। हंगामा थमने के बाद कार्यक्रम शुरू हो सका। छात्र संघ उपाध्यक्ष गौरव सम्मल का कहना था कि कार्यक्रम कालेज प्रशासन ने करवाया है लेकिन अन्य पदाधिकारियों ने शहर से वसूली की।

परिसर में पदाधिकारियों ने अपने पोस्टर भी लगा दिए। कालेज प्रशासन से शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, छात्र संघ अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया ने कहा कि उनके कार्यक्रम को पहले से विफल करने के प्रयास किए जा रहा था। उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।

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एबीवीपी के कार्यक्रम के विरोध की प्रतिक्रिया 

एबीवीपी से टिकट नहीं मिलने के चलते रश्मि लमगड़िया बागी हो कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और विजयी हुईं। उसके बाद फरवरी माह में एमबीपीजी कालेज में प्रस्तावित एबीवीपी के कार्यक्रम को लेकर रश्मि सहित छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों ने विरोध किया था। ऐसे में कालेज में काफी हंगामा हुआ था। वहीं, सोमवार को वार्षिकोत्सव के दौरान हुए हंगामे को उनके उसी विरोध की प्रतिक्रिया माना जा रहा है।

कालेज प्रशासन को पहले से थी आशंका 

वार्षिकोत्सव के दौरान विवाद को लेकर एमबीपीजी कालेज प्रशासन को पहले से आशंका थी। प्राध्यापकों के अनुसार छात्र संघ पदाधिकारियों से पोस्टर और बैनर लगाने से मना किया गया था। उसके बाद भी कुछ पोस्टर लगाए गए थे।

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