रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, यहां से अनेक वीरों ने जन्म लिया है. जिसमें से एक सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी थे. उन्होंने जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सेना को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है. उनके कार्यकाल में सेना में आधुनिकीकरण हुआ और सेना काफी आगे बढ़ी.
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के तल्ला बनास गांव में दिवंगत जनरल बिपिन रावत की मूर्ति और पार्क का उद्घाटन रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट और जनरल बिपिन रावत की बेटी तारिणी रावत ने किया. जनरल बिपिन रावत स्मृति तिरंगा पार्क चारधाम की थीम पर बना है. 80 फीट तिरंगा और पार्क का निर्माण 128 इन्फेंट्री बटालियन (टीए) राजपूताना राइफल्स ईको और जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के सहयोग से किया गया है. इस ईको पार्क को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री (चारधाम) की थीम पर बनाया गया है. मूर्ति का अनावरण और ध्वजारोहण करते हुए रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत हमारी देश की आन-बान और शान थे, उनके कार्यकाल में सेना ने नए नए कीर्तिमान स्थापित किए.
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, यहां से अनेक वीरों ने जन्म लिया है. जिसमें से एक सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी थे. उन्होंने जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सेना को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है. उनके कार्यकाल में सेना में आधुनिकीकरण हुआ और सेना काफी आगे बढ़ी. उन्होने कहा कि जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने दिवंगत जनरल बिपिन रावत की मूर्ति और पार्क बनाकर जो काम किया है, वह बेहद सराहनीय है.
रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत के साथ पुरानी बातचीत को याद करते हुए अजय भट्ट ने कहा कि जब भी मीटिंग होती थी, तो हम लोग साथ मिलकर काम करते थे और उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. जनरल बिपिन रावत की बेटी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे जनरल बिपिन रावत थे, वैसे ही उनकी बेटी भी बहादुर और हिम्मत वाली हैं. हम सब लोग जनरल रावत के परिवार के साथ हैं और हर समय उनके साथ खड़े हैं.
कार्यक्रम में पंत नगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि चौपाल का भी आयोजन किया गया. जिसमें आसपास के लोगों को कृषि का सामान और जानवरों के लिए दवाइयां वितरित की गईं. इस मेले में 150 अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को कृषि किट बांटी गई. कृषि चौपाल में गांव के लोगों को उन्नत कृषि के बारे में जाग्रत किया गया.