विधायक महेश जीना और नगर आयुक्त गौरव कुमार के बीच हुए विवाद में अब उत्तराखंड भाजपा भी कूद गई है. भाजपा संगठन ने आईएएस लॉबी को नसीहत दी है.
अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा से भाजपा विधायक महेश जीना के देहरादून नगर निगम के नगर आयुक्त गौरव कुमार से हुए विवाद का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. विवाद का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए गढ़वाल कमिश्नर को मामले पर जांच अधिकारी नियुक्त किया है. दूसरी तरफ IAS लॉबी ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए पत्र जारी कर इस मामले की निंदा की है. ऐसे में उत्तराखंड भाजपा संगठन ने आईएएस लॉबी को नसीहत दी है.
उत्तराखंड भाजपा संगठन ने आईएएस लॉबी को नसीहत देते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद इस मामले की जांच करवा रहे हैं तो आईएएस अधिकारियों को भी मुख्यमंत्री के आदेश का सम्मान करना चाहिए और इस प्रकरण को तूल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए. लेकिन अधिकारियों को भी जनप्रतिनिधियों को पर्याप्त सम्मान देना चाहिए.
भाजपा ने दी नसीहत: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि आईएएस अधिकारियों को इस मामले में बिल्कुल तूल नहीं देना चाहिए. क्योंकि यह पूरी तरह से सरकार से जुड़ा हुआ है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री खुद गंभीर हैं. उन्होंने तत्परता से इस विषय का संज्ञान लेते हुए गढ़वाल कमिश्नर को जांच करने के आदेश दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने सभी पदाधिकारियों से उम्मीद करती है कि सभी अपने व्यवहार को सौम्य बनाकर रखेंगे.
संयम बरतना जरूरी: इस पूरे मामले पर सरकार में संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इस तरह के मामलों से अधिकारी और जनप्रतिनिधियों दोनों को ही बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों की जिम्मेदारी है कि सरकार की गरिमा बनी रहे. सल्ट विधायक महेश जीना के मामले पर मंत्री अग्रवाल ने सीमित शब्दों में कहा कि मामले की जांच मुख्यमंत्री के निर्देशों अनुसार गढ़वाल कमिश्नर के माध्यम से करवाई जा रही है. ऐसे में दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए.
कांग्रेस हुआ हमलावर: वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार को घेरते हुए सत्ता पक्ष के विधायकों पर अपना रॉब दिखाने और गुंडागर्दी करने का आरोप लगा चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार के तमाम विधायक सत्ता की हनक में अधिकारियों पर लगातार दबाव बना रहे हैं.