हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन शिव शंकर के रुद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा और उपवास करने का विधान है. भगवान काल भैरव की पूजा से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय.
हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार कालाष्टमी के दिन ही भगवान शिव ने बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए रौद्र रुप धारण किया था और काल भैरव भगवान शिव का ही एक स्वरूप है. इस महीने कालाष्टमी 13 फरवरी सोमवार 2023 को मनाई जा रही है. तो आइए जानते हैं कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त महत्व और पूजा विधि-
मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtmi 2023 shubh muhurat)
फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
प्रारम्भ – 13 फरवरी सुबह 9 बजकर 45 मिनट
समाप्त – 14 फरवरी सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर
कालाष्टमी व्रत का महत्व (Kalashtmi Vrat Importance)
काल-भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं, ऐसे में कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त इस दिन सच्ची निष्ठा और भक्ति से कालभैरव की पूजा करता है, भगवान शिव उस व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर उसे सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
काल भैरव पूजा विधि (Kaal Bhairav Puja Vidhi)
इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके व्रत करना चाहिए और फिर किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव या भैरव के मंदिर में जा कर पूजा करनी चाहिए. शाम के समय शिव और पार्वती और भैरव जी की पूजा करें. क्योंकि भैरव को तांत्रिकों का देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा रात में भी की जाती है.काल भैरव की पूजा में दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल को अवश्य शामिल करें. व्रत पूरा करने के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं.
काल भैरव मंत्र– ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:
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इन उपायों से करें काल भैरव को प्रसन्न
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
इस दिन श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें और 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं.
कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाना काफी शुभ माना जाता है अगर आसपास कोई काला कुत्ता नहीं है तो किसी भी कुत्ते को मीठी रोटी खिला सकते हैं.
इस दिन किसी गरीब, भिखारी या कोढ़ी को वस्त्र का दान करना काफी शुभ माना जाता है.