हल्द्वानी
एमबीपीजी कॉलेज छात्रसंघ की नवनिर्वाचित अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया की विजय रैली पर पुलिस ने रोक लगा दी। रैली के लिए एकजुट समर्थकों को पुलिस ने साढ़े तीन घंटे तक एक बरातघर से बाहर नहीं निकलने दिया। इस दौरान अध्यक्ष व उनके समर्थकों की पुलिस से तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। समर्थकों ने कई बड़े नेताओं से संपर्क किया, लेकिन रैली निकालने की अनुमति नहीं दी गई। रश्मि ने पुलिस पर सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
कुमाऊं के सबसे बड़े कॉलेज की पहली छात्रा अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया ने जीत के बाद सोमवार को विजय रैली रखी थी। सुबह दस बजे कुसुमखेड़ा स्थित निजी बरातघर से रैली निकलनी थी। रैली में शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में समर्थक बरातघर में जमा हो गए। इस बीच पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस ने बरातघर का गेट बंद कर दिया और रैली को बाहर नहीं निकलने दिया। इस दौरान समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई। कई बार धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। रश्मि ने सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी और कोतवाल हरेंद्र चौधरी से रोकर-गिड़गिड़ाकर मिन्नत की, लेकिन उन्होंने अनुमति न होने का तर्क देते हुए रैली निकालने देने से इनकार कर दिया।
समर्थकों ने कई बड़े नेताओं से भी सपंर्क साधा, लेकिन पुलिस नहीं मानी। करीब साढ़े तीन घंटे तक रैली को रोके रखा गया। रैली पर रोक लगने से समर्थक आक्रोशित रहे। वे पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान से ही छात्रा प्रत्याशी रश्मि को परेशान करने की कोशिश की जा रही है। विजयी रैली को जानबूझकर रोका गया है। उनका कहना था कि उन्होंने रैली की अनुमति ली है। मगर उन्हें जानबूझकर रोका जा रहा है। लंबी बहस के बाद बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे रश्मि के समर्थक कुछ नरम पड़े तो पुलिस ने उन्हें गाड़ियों में भरकर नैनीताल रोड स्थित रेस्टोरेंट पहुंचाया जहां उनका जश्न मनाने का कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित था।
रश्मि के समर्थकों ने मनाई जीत की खुुशी
हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज की नवनिर्वाचित अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया की विजयी रैली पर रोक के बाद समर्थकों ने नैनीताल रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में एकत्र होकर जीत की खुशी मनाई। समर्थकों ने जीत की खुुुशी में जमकर डांस भी किया। इस दौरान रश्मि को बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा रहा।
विजय रैली निकालने के लिए मुखानी थाने से अनुमति ली गई थी। जानबूझकर मेरी रैली को रोका गया। सरकार में बैठे लोग अपने प्रत्याशी की हार से बौखलाए हुए हैं। चुनाव के दौरान भी उन्हें और उनके समर्थकों को परेशान किया गया। उनके साथ छात्रशक्ति है। उनके हितों के लिए जो भी करना पड़ेगा। मैं हमेशा तैयार हूं।
जीत के बाद छात्रसंघ अध्यक्षों की रैली हर बार पूर्व में निकलती थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस ने विजयी रैली को शहर में नहीं निकलने दिया। दबाव में यह कार्रवाई की गई। एक छात्रा अध्यक्ष के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई गई है।