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घर की छत को पालीहाउस और लान को बगीचे में तब्दील कर देने वाले सुनील सांगुड़ी की बाहर की सब्जियों पर निर्भरता तकरीबन खत्म हो गई है। घर के कूड़े को भी वह फेंकने के बजाय उसे सड़ाकर खाद बना लेते हैं।

घर की छत को पालीहाउस और लान को बगीचे में तब्दील कर देने वाले सुनील सांगुड़ी की बाहर की सब्जियों पर निर्भरता तकरीबन खत्म हो गई है। उनके किचन गार्डन में सीजनल सब्जियों व फलों का उत्पादन जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त हो जाता है। घर के कूड़े को भी वह फेंकने के बजाय उसे सड़ाकर खाद बना लेते हैं।

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इस समय उनके गार्डन में 22 प्रकार की जड़ी-बूटियां भी तैयार हो रही हैं। रामपुर रोड पर देवलचौड़ क्षेत्र निवासी सुनील सांगुड़ी ने बैंक आफ बड़ौदा में मैनेजर पद से रिटायर होने के बाद 2019 में किचन गार्डन तैयार करने की शुरुआत की।

पालीहाउस और सब्जियों का उत्पादन करने के लिए बास्केट का इंतजाम करने में अधिकतम पांच हजार रुपए खर्च हुए। पहली फसल तैयारी हुई तो हौसला बढ़ा। फिर बागवानी के शौक का सिलसिला जुनून में बदल गया। कोविड के दौरान उनकी मेहनत रंग लाई।

किचन गार्डन में रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करते

कोरोना का प्रभाव रोकने के लिए प्रतिबंध लगे तो उन्हें सर्वाधिक राहत महसूस हुई। उस दौरान प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गिलोय व अन्य जड़ी-बूटियों के साथ जैविक सब्जियां उनकी छत पर उग रही थीं।

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कचरा फेंकने की बजाए बना लेते हैं खाद सुनील सांगुड़ी अपने किचन गार्डन में रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करते हैं। घर से निकलने वाला कचरा फेंकने के बजाए उसे जैविक खाद में तब्दील कर सब्जियों और फूलों के साथ अन्य पौधों में उपयोग कर लेते हैं।

इसके लिए उन्होंने 12 बाल्टियां रखी हैं, जिसमें हर दिन घरों से निकलने वाला कूड़ा रखकर ढक देते हैं। पहले से तैयार कुछ खाद उसमें डाल देते हैं। दो माह बाद कूड़ा जैविक खाद में तब्दील हो जाता है तो उसे गार्डन में जरूरत के मुताबिक डाल देते हैं।

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गार्डन में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां सुनील सांगुड़ी के किचन गार्डन में वर्तमान में 22 से अधिक प्रकार की जड़ी-बूटियों का उत्पादन हो रहा है। जिनमें सर्पगंधा, तेजपात, मालाबार नट, करी पत्ता, रामदाना, इंद्रजौ, गिलोय, कासनी, निरगुंडि, मिक्स मसाला, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, स्टिविया, अश्वगंधा, इंसुलिन प्लांट, श्याम तुलसी, अजवाइन, पुदीना, पथरचट्टा, लेमन ग्रास, पारिजात आदि हैं। वहीं फलों में पपीता, अमरूद, नींबू, आम, आंवला आदि हैं। सब्जियों में ब्रोकली, बैगन, पालक मेथी जैसी सब्जियां की पैदावार हो रही है।