खबर शेयर करें -

नैनीताल। जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट हरीश कुमार गोयल की अदालत ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में बिंदुखत्ता के दो आरोपितों को दोषमुक्त करार दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे आरोप साबित करने में विफल रहा।

मामला 15 अप्रैल 2019 का है, जब नंद राम आगरी ने लालकुआं कोतवाली में तहरीर दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि नौ अप्रैल की रात को कार सवार चार-पांच युवक लाठी-डंडों और अवैध हथियारों से लैस होकर उनके घर पहुंचकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए धमकी दी। यह भी आरोप था कि कार सवार भाजपा के नारे लगा रहे थे और आरोपी फरार हो गए।

यह भी पढ़ें -  पंतनगर एयरपोर्ट के पास कार-ई रिक्शा की टक्कर, टुकटुक पलटने से 7 लोग घायल

पुलिस ने मामले की जांच के बाद शंकर सिंह मेहता और प्रहलाद सिंह (इंद्रानगर कार रोड, बिंदुखत्ता निवासी) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड शासन का प्रशासनिक फेरबदल, IAS-IFS-PCS व सचिवालय सेवा के कई अधिकारी स्थानांतरित

बचाव पक्ष के अधिवक्ता सोहन तिवारी ने अदालत को बताया कि आरोपितों पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। मारपीट, गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। मामले में सीसीटीवी फुटेज भी नहीं मिला और वादी के प्रभाव में आकर गवाहों ने झूठी गवाही दी। एक गवाह ने यह भी कहा कि वादी नंदराम झूठे मुकदमे लगाकर जमीनें हड़पने की कोशिश करता है और दबंगई करता है।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: सीसीटीवी और मुखबिर से गिरफ्त में आया दुष्कर्म आरोपी तौकीर अंसारी

अदालत ने अभियोजन पक्ष की कमजोर दलीलों के आधार पर दोनों आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad