उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं के द्वारा साल 2024 में विभिन्न मदों के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया में की गई घोर लापरवाही के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट के पूर्व के आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेशकर कहा, 2023 की कमिश्नर की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने अनियमितताओं की जांच करके अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है. सरकार ने कहा कि, रिपोर्ट में कमेटी ने यह भी कहा है कि तत्कालीन संघ के महाप्रबंधक निर्भय नारायण के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है.
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि, अगर पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी वही टेंडर प्रक्रिया की नीति अपनाई गई है तो दुग्ध की गुणवत्ता और मैन पावर के टेंडर की प्रक्रिया को आगे न बढ़ाया जाए. कोर्ट ने मामले पर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रोक लगा दी है. इस पर सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए चार बाद की तिथि नियत की है. सोमवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
आखिरी सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को दिया था आदेश: पूर्व में मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि 2023 में टेंडर को लेकर कुमाऊं कमिश्नर ने जांच करके जो रिपोर्ट शासन को भेजी थी, उस पर अभी तक सरकार ने क्या एक्शन लिया? उस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. आज सरकार ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की.
ये है मामलाः मामले के अनुसार, निविदाकर्ता (निवेदन करने वाला) देवभूमि ट्रेडर्स ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं के द्वारा अन्य वर्षों की भांति संघ की गतिविधियों को चलाने के लिए जैसे दही मटका, स्टेशनरी, मैन पावर, एल्युमिनियम केन समेत कई अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई करने के लिए टेंडर निकाला. लेकिन संघ ने टेंडर प्रक्रिया की नियमावली का पालन नहीं किया.
नियमावली के अनुसार ई टेंडर भी होना आवश्यक था, जो नहीं हुआ. 2023 में भी संघ ने अपने चेहतों को टेंडर में शामिल करने के लिए बड़ी गड़बड़ियां की. संघ ने 2023 में जब टेंडर निकाला तो उसमें तीन निविदाकर्ता थे. तीनों ही निविदाकर्ताओं ने एक ही बैंक, एक ही अकाउंट और एक ही लिफाफे में अपनी निविदा संघ को भेज दी थी.