उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नैनीताल में बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम के विकास को लेकर मास्टर प्लान बनाना शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी के विजन डॉक्यूमेंट की घोषणा पर धामी सरकार ने यह काम शुरू किया है. इस योजना से कुमाऊं के मंदिरों, पर्यटन स्थलों की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी के विजन डॉक्यूमेंट की एक महत्वपूर्ण घोषणा पर धामी सरकार ने काम शुरू कर दिया है. सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो भविष्य में कुमाऊं के मंदिरों, पर्यटन स्थलों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल जाएंगी.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम में विभिन्न पर्यटन सुविधाओं के विकास के निर्देश दिए हैं. नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्बयाल के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने मास्टर प्लान बनाना शुरू कर दिया है. इस मास्टर प्लान को बनाने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को दी गई है.
मोदी सरकार ने भी मानस खंड के विकास को अपने बजट में जगह दी थी. इसके तहत नैनीताल स्थित कैंची धाम, भवाली के पास घोड़ाखाल स्थित गोलू देवता मंदिर और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल में स्थित मां नैना देवी मंदिर का विकास होना है.
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8 पट्टा धारकों से वापस ली गई जमीन
नैनीताल के डीएम धीराज सिंह गर्बयाल ने बताया कि जिला प्रशासन ने कैंची धाम क्षेत्र के आठ पट्टा धारकों से 2.25 एकड़ जमीन वापस ले ली है, जिसे पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया है. पूर्व में भी इस प्रोजेक्ट के लिए 18 नाली जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है. सरकार ने कैंची धाम के आसपास 8 लोगों को बागवानी के लिए पट्टे दिए थे लेकिन ये लोग बागवानी नहीं कर रहे थे.
जाम से निजात पाने को बनेगी पार्किंग
नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कैंची धाम का मास्टर प्लान का खाका तैयार कर लिया गया है. जल्द ही पार्किंग निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. कैंची धाम में हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. पार्किंग के निर्माण से लोगों को श्रद्धालुओं को घंटों जाम में फंसने से निजात मिलेगी.
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मंदिर जाने के कई रास्ते बनाए जाएंगे
डीएम ने बताया कि मास्टर प्लान के तहत कैंची धाम में ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाएगा, दिव्यांग श्रद्धालुओं को व्हीलचेयर में जाने की सुविधा मिलेगी, पब्लिक टॉयलेट बनाए जाएंगे, मंदिर में जाने के एकमात्र रास्ते की जगह कई रास्ते बनेंगे, देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए विश्रामगृह बनेगा, मेडिटेशन सेंटर बनाया जाएगा, फूड कोर्ट बनेगा, कैंची धाम के पास बहने वाली शिप्रा नदी के किनारे सुंदर घाट बनेंगे और मंदिर का भव्य प्रशासनिक भवन बनाया जाएगा.
बेहतरीन सड़कों से कनेक्ट होगा कुमाऊं
मध्य हिमालयी क्षेत्र गढ़वाल और कुमाऊं को उत्तराखंड कहा गया है. पुराणों में गढ़वाल को केदारखंड तो कुमाऊं मंडल को मानसखंड के रूप में जाना जाता है. सरकार अब पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गढ़वाल के चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं के मंदिरों को विकसित करने जा रही है. इसके लिए मानसखंड कॉरिडोर नाम से प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिरमाला प्रोजेक्ट भी कहा जा रहा है. इसके तहत कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों को बेहतर सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा.
पीएम मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड के दौरे के दौरान कहा था कि सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा. केदारखंड और मानस खंड यह दोनों ही प्रोजेक्ट उत्तराखंड के पर्यटन के विकास के लिए मील के पत्थर साबित होंगे.
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